पटना: बिहार की राजधानी पटना में इंसाफ के कागज पर न्याय की कलम चली है और आरोपियों को उनके किए की सजा मिल गई. मामला नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का है. कोर्ट ने पटना के बिजली विभाग के एक इंजीनियर को नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई. इस मामले में पीड़ित की मौसी को 20 साल तक कठोर कारावास की सजा मिली. ढाई साल पुराने इस मामले में पटना के पॉक्सो कोर्ट ने ये बड़ा फैसला सुनाया है.
इसके अलावा अदालत ने इंजीनियर पर एक लाख और मौसी को दस हजार का जुर्माना भी देने का आदेश दिया. कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को बिहार सरकार से मुआवजे के तौर पर साढ़े सात लाख पीड़िता को देने का भी ऑर्डर दिया. न्यायालय ने मुआवजे और जुर्माने की सारी राशि पीड़िता को सौंपे जाने के निर्देश दिए हैं.
जिस इंजीनियर को सजा मिली है, वो हाजीपुर थाना क्षेत्र के पूर्वी इस्मेलपुर निवासी राजू कुमार है. मौसी का नाम सीमा देवी उर्फ आरती देवी है. इस मामले पर विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि यह घटना दो नवंबर 2019 की है. यह मामला पटना के महिला थाना में दर्ज हुआ था. जिसमें नाबालिग की मौसी सीमा देवी पीड़िता को ये कहकर दानापुर ले आई थी कि इंजीनियर ने दानापुर में नया मकान किराये पर लिया है. उसके घर की सफाई करनी है. वहां जाने के बाद नाबालिग के साथ इंजीनियर ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.
घटना में नाबालिग की मौसी सीमा देवी की मिलीभगत साफ तौर सामने आई. क्योंकि इस पूरे कांड में सीमा देवी शामिल रही. बता दें कि 2019 में राजू कुमार दानापुर दीघा में विद्युत बोर्ड में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत था.