Rohtas और कैमूर जिले में 61 प्रतिशत बढ़ी बिजली की खपत

किसान बोरिंग पर आश्रित

Update: 2024-08-06 03:19 GMT

रोहतास: बारिश नहीं होने के कारण रोहतास व कैमूर जिले में बिजली की खपत बढ़ गई है. धान की रोपनी को लेकर अधिकांश क्षेत्रों के किसान बोरिंग पर आश्रित हो गए हैं. इस कारण रोहतास व कैमूर में 61 प्रतिशत अतिरिक्त बिजली की खपत बढ़ी है.

वहीं हीटवेब के दौरान भी 30 से 35 प्रतिशत बिजली की खपत बढ़ी थी. विदित हो कि रोहतास व कैमूर जिले में पहले 386 मेगावाट बिजली की खपत होती थी. लेकिन जब से धान की रोपनी की शुरूआत हुई है, तब से 6 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. विद्युत बोर्ड की मानें तो रोहतास जिले में अतिरिक्त 56 प्रतिशत बिजली की खपत बढ़ी है. जिले में 261 मेगावाट बिजली की खपत होती है. लेकिन बारिश नहीं होने के कारण खेती कार्य शुरू होते ही 408 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. बताया रोहतास में 58 कृषि फीडर संचालित है. जबकि कैमूर में 41 फीडरों से किसानों को बिजली आपूर्ति की जा रही है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जब तक सामान्य बारिश नहीं होती, तब तक बिजली की खपत और बढ़ सकती है. क्योंकि जिले बारिश नहीं होने से सूखाड़ जैसी स्थिति बनी है. हालत यह है कि बिचड़ा बचाने के लिए भी किसान बोरिंग पर आश्रित हुए हैं. अब धान की रोपनी शुरू हो गई है. अधिकांश किसान बोरिंग की पानी से ही रोपनी कर रहे हैं. गौरतलब हो कि माह में 57.11 प्रतिशत बारिश कम हुई है. माह में 292.30 एमएम बारिश की आवश्यकता है. जबकि माह में अब तक मात्र 1. बारिश हुई है. जिस कारण भी बिजली की खपत बढ़ी है. कहा जब तक सामान्य बारिश नहीं होती, बिजली की खपत बढ़ सकती है. क्योंकि पहाड़ी भागों के किसान बिजली पर ही आश्रित हैं.

बारिश नहीं होने से बिजली की खपत बढ़ गई है. धान की रोपनी को लेकर रोहतास व कैमूर जिले में 61 प्रतिशत अतिरिक्त बिजली की खपत बढ़ी है. जबकि रोहतास में 56 प्रतिशत अधिक बिजली की खपत बढ़ी है. बारिश होने के बाद ही बिजली की खपत में कमी आएगी. - इंद्रदेव कुमार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत बोर्ड, रोहतास-कैमूर.

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