स्मार्ट सिटी से लगती अरावली में भोजन-पानी न मिलने से आबादी क्षेत्र में घुस रहे जानवर

Update: 2023-01-18 10:46 GMT

हिसार न्यूज़: अरावली में वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जिला वन्य प्राणी संरक्षण विभाग में बजट की व्यवस्था नहीं है. जबकि एक दशक पहले तक विभाग अरावली में जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था करता था.

इसके लिए अरावली में पेयजल के लिए तालाब बनवाता था, अब अरावली में जंगली-जानवरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं है. करीब दस हजार हेक्टेयर में फैली अरावली में जंगली जानवरों की संख्या भी बढ़ रही है. ऐसे में वहां जंगली जानवर भटकते हुए रिहायशी इलाकों तक पहुंचते हैं.

वन्य जीवों की तादाद बढ़ रही हरियाणा वन्य प्राणी संरक्षण विभाग बीते पांच साल से अरावली में वन्य जीव-जंतुओं के संरक्षण के उद्देश्य से गणना करवाने की कवायद में हैं. लेकिन अब तक परिणाम शून्य है. जबकि विभागीय सूत्र बताते हैं कि पिछली गणना में जो आंकड़े थे स्वाभाविक रूप से उनमें बढ़ोतरी होगी.

आबादी वाले इलाकों के लिए खतरा बने इसलिए इन दिनों जंगली जानवर बार-बार आबादी तक पहुंचते हैं. बीते कुछ वर्षों में वन्यप्राणियों के रिहायशी इलाकों तक पहुंचने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. मामले में पर्यावरणविदों के मुताबिक अरावली और उसमें रहने वाले वन्य प्राणियों के संरक्षण की कोई ठोस योजना तैयार करनी होगी. इस वजह से जंगली जानवर इलाकों में घुस रहे हैं.

वन विभाग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी

जिला वन्य प्राणी संरक्षण विभाग ने वन्य प्राणियों के बार-बार शहर में घुसने की विभागीय रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है. राजीव कॉलोनी में घुसे तेंदुए की घटनात्मक रिपोर्ट को विस्तृत विवरण देते हुए रिपोर्ट सरकार को भेजी गई हैं. करीब 10 हजार एकड़ में फैली अरावली पर्वत शृंखलाओं में वर्ष 2012 में कराई गई गणना के मुताबिक यहां करीब 31 तेंदुए, करीब एक हजार नील गाय, करीब 250 पहाड़ी हिरन, करीब 20 चिंकारा, 20 हजार से अधिक बंदर, भालू, लोमड़ी हैं, जिनकी तादाद अब बढ़ चुकी है.

इन क्षेत्रों में घुस रहे जानवर

अरावली की तलहटी में बीते कुछ वर्षों में जंगली बिल्ली, गीदड़, अजगर जैसे जंगली जानवर स्मार्ट सिटी के सेक्टर-45,44, 21, अनखीर, अनंगपुर, मेवला महाराजपुर, पाली, मोहबताबाद, पाखल,धौज, राहुल कॉलोनी,सैनिक कॉलोनी, बड़खल आदि इलाकों में यदा-कदा आ घुसते हैं. कई बार तेंदुआ भी आ जाता है. अरावली में पड़ों की कटाई और निर्माण होने से वहां अब वन्य प्राणियों के लिए न खाने को कुछ नहीं बचा है. वन्य प्राणी भोजन-पानी की तलाश में आबादी में घुस आते हैं. वन्य प्राणी संरक्षण विभाग बीते कई वर्षों से बजट के अभाव के चलते अरावली में वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए कोई इंतजाम नहीं कर सका है.

तेंदुए को सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया

एक दिन पहले अरावली से निकलकर राजीव कॉलोनी में घुस आए तेंदुए को हरियाणा वन्य जीव संरक्षण विभाग की टीम ने - की रात में नूंह इलाके में अरावली में छोड़ दिया. विभागीय अधिकारी राजेश ने बताया कि इससे पहले पकड़े गए तेंदुए का सोहना के पशु चिकित्सालय में चिकित्सकों द्वारा मेडिकल किया गया और चिकित्सीय जांच उपचार के बाद करीब पांच वर्षीय तेंदुए को अरावली में छोड़ा गया. दरअसल, इस तेंदुए को काबू करने के लिए दो इंजेक्शन गन के माध्यम से दिए गए. इससे वह करीब दस घंटे बेहोशी की हालत में रहा. होश आने पर उसे अरावली में छोड़ा गया.

अरावली में वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा हुआ है. की घटना की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है. भोजन-पानी की तलाश में जानवर इलाकों में घुस आते हैं. कई बार तेंदुआ भी आबादी तक पहुंच जाता है. इनके लिए खाना-पानी के लिए बजट नहीं है.

-जयदेव, निरीक्षक, जिला वन्य प्राणी संरक्षण विभाग

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