वर्षा की कमी से धान की फसल में लगने लगे कीट, खरपतवार भी कर रहा है फसलों को खराब, किसान परेशान
बिहार | समय पर पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण पहले मुंगेर में धान की रोपाई में किसानों को परेशानी हुई. अब वर्षा की कमी से खेतों में खड़ी फसल में लग रहे कीट-व्याधियों से किसान परेशान हैं. जिले के अधिकांश किसानों ने वर्षा में कमी के बावजूद इस वर्ष अपनी जमीनों को खाली नहीं रहने दिया. जिले में इस वर्ष धान की खेती का लक्ष्य 36503 हेक्टेयर में निर्धारित किया गया था. जबकि, इस लक्ष्य के विरुद्ध 36518 हेक्टेयर में धान की खेती की गई है.
धान का फसल जैसे-जैसे बड़ा होने लगा है, किसान पानी की कमी से जूझा रहे हैं,. साथ ही फसलों को कीट-व्याधि नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसके साथ ही धान एवं अन्य फसलों में खरपतवारों की भी समस्या बढ़ रही है और फसल को नुकसान पहुंच रहा है. किसानों पर चौतरफा मार पर रहा है. अभी यह समस्या प्रारंभिक स्तर पर है. यदि जल्द ही समुचित मात्रा में वर्षा नहीं हुई अथवा धान की खड़ी फसलों में अन्य साधनों से पानी की व्यवस्था नहीं हुई तो खेतों में बढ़ रहे खरपतवार धान की पौधों की वृद्धि को तो रोकेंगे ही, उसमें लग रहे कीट- व्याधि फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे. इसके साथ ही पानी की सुविधा वाले क्षेत्रों में भी कीट- व्याधियों प्रसार होना शुरू हो जाएगा
बीमारी से बचाव के लिए किसान कर सकते हैं दवा का छिड़काव
जिन फसलों में खरपतवारों की समस्या है, उसमें किसान हाथों से निकाई- गुराई कर खरपतवारों के फैलाव को नियंत्रित करें. यदि धन की फसल में पत्तियां पीली हो रही हो अर्थात तुलसा रोग लग रहे हो तो इससे बचाव के लिए हेक्साकोनाजोल या प्रोपीकोनाजोल 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. वहीं, एवं अन्य फसलों में तना छेद कीट एवं अन्य कीटों से बचाव के लिए काल्डन या फ्यूराडान 20 से 25 क प्रति हेक्टेयर की दर से फसलों में छिड़काव करें. पॉल आर्मी वर्म से बचाव के लिए क्लोरोपायरीफास 5 से 8 मिली प्रति लीटर या इमामेक्टिंन बेंजोएट 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से फसल पर छिड़काव करें.
-डॉ. विनोद कुमार, कृषि वैज्ञानिक केवीके, मुंगेर
किसानों के लिए पानी की समस्या दूर करने के लिए जिले में अनुदानित दर पर डीजल देने की योजना चल रही है. ऐसे इस सप्ताह जिले में अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है. किसान भाई वर्षा जल के लिए थोड़ा इंतजार कर सकते हैं. तब तक वे वैज्ञानिक सलाह के अनुसार अथवा पौधा संरक्षण विभाग की सलाह के अनुसार कीट- व्याधियों की रोकथाम के लिए दवाओं का छिड़काव करें और फसलों से खरपतवारों को हाथ से साफ करें.
- ब्रजकिशोर, जिला कृषि पदाधिकारी, मुंगेर