मोतिहारी न्यूज़: भूगर्भ जलस्तर में गिरावट का सिलसिला जारी है. इस वर्ष जलवायु परिवर्तन के दौर में पहली बार जिले में भूगर्भ जलस्तर अधिक नीचे चले जाने से अधिकांश जगह हैंडपंप सूख गये हैं. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का संकट गहराने लगा है.
मोतिहारी प्रखंड के लखौरा, आदापुर, घोड़ासहन, ढाका सहित दर्जनों प्रखंडों में भूगर्भ जलस्तर नीचे जाने से पेयजल के लिए लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. प्रखंडों में नल जल योजना संचालित है,इसके बावजूद पेयजल के लिए लोग परेशान हो रहे हैं. बताया जाता है कि अधिकांश जगह हर घर नल योजना नकारा बनी है. कहीं पाइप लीकेज से नल जल बंद है, तो कहीं अन्य गड़बड़ी से नल जल का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि नल जल योजना पर सरकार के द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. भूगर्भ जलस्तर में गिरावट जिले के सभी प्रखंडों में सामने आयी है. पीएचईडी मोतिहारी के द्वारा भूगर्भ जलस्तर की जांच करायी गयी है. जिसमें सबसे अधिक मोतिहारी प्रखंड में 21 फुट से अधिक नीचे भूगर्भ जलस्तर चला गया है. भूगर्भ जलस्तर नीचे जाने से पेयजल की किल्लत की सूचना मिलने पर पीएचईडी मोतिहारी ने संज्ञान में लिया है.
सूचना मिलते ही विभागीय एसडीओ के द्वारा इसका जायजा लिया जा रहा है. साथ ही नल जल योजना से पेयजल बहाली के लिए पूरजोर प्रयास शुरू किया गया है. एसडीओ अमरेश कुमार ने बताया कि हैंडपंप सूखने की शिकायत मिलने पर शीघ्र त्वरित कार्रवाई की जा रही है. यदि नल जल बंद पड़ा है तो उसे दुरूस्त कर कम से कम सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल सुचारू करने की कोशिश शुरू की गयी है.