मरीज के स्मार्टफोन की लाइट में इलाज करने वाले डॉक्टर के खिलाफ होगी अनुशासनिक कार्रवाई
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पटना. बिहार के रोहतास जिले में मरीज का स्मार्टफोन की लाइट में इलाज करने वाले डॉक्टर के खिलाफ जल्द ही अनुशासनिक कार्रवाई होगी। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने अपनी वीडियो वायरल होने के बाद मीडिया को गलत स्टेटमेंट दिया था। डॉक्टर के खिलाफ जांच रिपोर्ट को राज्य स्वास्थ्य सचिवालय भेज दिया गया है। साथ ही रिपोर्ट में रोहतास के सिविल सर्जन की कार्यशैली को लेकर भी टिप्पणी की गई है।
गौरतलब है कि वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर ने मीडिया और जांच कमिटी को जो बयान दिया, वो मेल नहीं खा रहा है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने जांच कमिटी के सामने बिल्कुल अलग बयान दिया है और उस दिन अस्पताल में लाइट ना होने का कारण एमसीबी में फॉल्ट बताया। जबकि डॉक्टर ने मीडिया से कहा था कि यहां लाइट का ऐसा ही रहता है, कभी आती, कभी जाती है जो पिछले कुछ दिनों से लगातार परेशान कर रही है।
बता दें कि हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक डॉक्टर मरीज का इलाज, स्मार्टफोन की लाइट में करते हुए नजर आ रहा था। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि जिन मरीजों का इलाज हो रहा था, वे गोलीबारी में जख्मी होकर अस्पताल पहुंचे थे। इलाज के बीच ही बिजली चली गई और किसी तरह मोबाइल की रोशनी में इलाज किया गया। इसकी एक वीडियो भी वायरल हो गई थी जिसके बाद कहा गया था कि सदर अस्पताल में आए दिन इस तरह की हालत से जूझना पड़ता है, यह कोई नई बात नहीं है।
जिला अधिकारी ने नकारी गोलीबारी की बात
वहीं रोहतास जिला अधिकारी धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि रोड एक्सीडेंट से पेशेंट को चोट लगी थी। डीएम ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि मीडिया मुद्दों को सनसनीखेज क्यों बनाता है। एमसीबी में खराबी के कारण अस्पताल में करीब दो मिनट तक बिजली गुल रही। MCB को बदल दिया गया है और समस्या को ठीक कर दिया गया है। डीएम ने आगे कहा कि हमने अपनी अनुशंसा के साथ जांच रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य सचिवालय को भेज दी है.