बिहार में पुलिसकर्मियों के तबादलों से जुड़ा दो साल पुराना आदेश को डीजीपी ने किया रद्द, जानें क्या थे नियम

बिहार पुलिस ने दो साल पहले जारी सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के तबादले संबंधी आदेश को रद्द कर दिया है।

Update: 2022-06-15 04:59 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार पुलिस ने दो साल पहले जारी सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के तबादले संबंधी आदेश को रद्द कर दिया है। साल 2020 में तत्कालीन डीजीपी ने तबादले का यह आदेश लागू किया था। अब मौजूदा डीजीपी एसके सिंघल ने उस आदेश को रद्द करने का फैसला लिया है। इस संबंध में फरमान भी जारी कर दिया गया है। अब पुलिसकर्मियों के तबादले दो साल पहले जारी हुए आदेश संख्या 315/2020 के तहत नहीं होंगे।

बिहार पुलिस का पूर्व में जारी तबादला का आदेश रद्द करने की वजह डीजीपी ने यह बताई है कि उसमें राज्य सरकार की सहमति नहीं थी। इस आदेश में जरूरत के मुताबिक संशोधन करने को लेकर डीजीपी ने गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। विभाग से मंजूरी मिलने के बाद इस आदेश को रद्द कर दिया गया। इसमें सिपाही, हवलदार, दारोगा, इंस्पेक्टर और इनके समकक्ष पदों पर तैनात पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर की नीति निर्धारण की बात कही गई थी।
दो साल पहले जारी हुए तबादला आदेश में कई प्रावधान थे। इसके तहत पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर के लिए समिति का गठन किया जाना चाहिए। यही समिति तबादलों से जुड़े निर्णय लेने में सक्षम होगी। साथ ही इसमें कुछ शर्तें भी थी, जिनमें रिटायरमेंट के करीबी पुलिसकर्मियों के अलावा किसी का भी ट्रांसफर गृह जिले में नहीं किए जाने का प्रावधान था। साथ ही किसी जिला या इकाई में एक पुलिसकर्मी की दोबारा तैनाती नहीं करने की बात कही गई थी।
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