सिवान: नगर में ड़ेंगू के मरीज की संख्या बढ़ने लगी है. दो दिन में दो और मरीज मिले है. जिनका ईलाज नीजी अस्पताल में चल रहा है. शिवपूर मठिया और प्राणगढ़ी में रहने वाले दो लोगों में एनएसवन पाजिटिव पाया गया है.
शिवपुर मठिया में एक सप्ताह पूर्व एक और मरीज मिला था. मरीज मिलने के बाद दोनों मुहल्ले में ड़ेंगू के मच्छर के होने की संभावना बढ़ गई है. दोनों मुहल्ले में कई लोग बुखार से पीडित है. बुखार के मरीज बढ़ने से जांच के बाद मरीज की संख्या बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है. सरकारी अस्पताल में मरीज के नहीं मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से उदासीन रवैया अपना रहा है. शिवपूर मठिया में अब तक दो मरीज मिल चुके है.
छिड़काव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पत्र की अनदेखी मैरवा. जिला वेक्टर जनित रोग विभाग ने नगर पंचायत को पत्र भेजकर छिड़काव कराने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में डेंगू चिकनगुनिया के प्रसार को रोकने के लिए सफाई एवं टेक्नीकल मालाथियान से फागिंग एवं लार्विसाईडल से छिड़काव कराने का निर्देश दिया है.
अक्रांत क्षेत्र में टेक्नीकल मालथिन के छिड़काव कराना है. इसके लिए जिला मलेरिया कार्यालय को राज्य से किसी प्रकार के आवंटन नहीं आने का जिक्र किया गया है. नगर पंचाचय प्रत्येक वर्ष केमिकल की खरीदारी कर छिड़काव कराता रहा है. इस वर्ष अब तक छिड़काव शुरू नहीं होने से अक्रांत मरीज की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. विभाग के पत्र के बाद भी नगर पंचायत के द्वारा फागिंग नहीं कराने से लोग नपं की भूमिका पर सवाल खड़ा कर रहे है. इस संबंध में अस्पताल के प्रबंधक ने कहा कि अस्पताल में कोई मरीज नहीं मिला है. निजी अस्पताल के बारे में जानकारी नहीं है.
केमिकल के छिड़काव को लेकर नपं के ईओ को पत्र भेजा गया है. नगर पंचायत अध्यक्ष किसमती देवी ने कहा कि छिड़काव को लेकर प्रस्ताव नगर पंचायत में पास है. उसके बाद भी केमिकल के खरीदारी और छिड़काव में देरी करने की जवाबदेही ईओ की बन रही है.
अस्पतालों को हर दिन डेंगू के बारे में देनी होगी रिपोर्ट
डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. अब डेंगू पर पैनी नजर रखी जा रही है. डेंगू को लेकर सिविल सर्जन ने सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा प्रभारियों को पत्र देकर आवश्यक निर्देश दिया है. निर्देश दिया गया है कि डेंगू से जुड़ा ब्यौरा प्रतिदिन उपलब्ध कराना होगा. जिसके आधार पर स्टेट को डेंगू रोग का सही आंकड़ा बताया जा सके. बताया गया कि सभी अस्पतालों में ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या, इनमें से बीमार मरीजों की संख्या और एनएस-1 किट से जांच की संख्या के साथ ही घनात्मक रोगियों के भर्ती और इलाज का भी ब्यौरा देना होगा.