मोतिहारी न्यूज़: बिहार राज्य अध्यापक नियमावली-2023 के तहत नियोजित शिक्षकों का बिना शर्त समायोजन की मांग मुखर हो रही है. इसके लिए सत्तारूढ़ दल के विधायक, विधान पार्षद व मंत्री का घेराव कर ज्ञापन दिया जाएगा.
पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय अंतर्गत शिक्षकों का सीधा समायोजन के लिए आंदोलन किया जाएगा. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ पूर्णिया के जिलाध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल ने कहा है कि राज्य सरकार के उपेक्षित रवैया से सूबे के लाखों प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष आर्थिक मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का शिकार बन रहे हैं. सरकार द्वारा समस्या निदान करने के बजाय दिन प्रतिदिन समस्याएं उत्पन्न कर शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने से वंचित किया जा रहा है. बिहार राज्य अध्यापक नियमावली-2023 जारी कर नियोजित शिक्षकों के साथ धोखा दिया है.इस संबंध में राज्य स्तर पर प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू की अध्यक्षता में आयोजित कर निर्णय लिया गया है कि अध्यापक नियुक्ति नियमावली-2023 में संशोधन हेतु सत्तारूढ़ दल के विधायक, विधान पार्षद व मंत्री का घेराव कर ज्ञापन सौंपेंगे. उन्होंने मांग किया कि पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय अंतर्गत शिक्षकों का सीधा समायोजन हो. प्रदेश उपाध्यक्ष अनवार करीम ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के चुनावी घोषणा पत्र में नियोजित शिक्षकों की मांगों को प्रमुखता से शामिल किया गया था. परन्तु 10 अप्रैल को उक्त नियमावली आने के बाद नियोजित शिक्षकों को घोर निराशा हुई है. राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है.प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक, उच्च माध्यमिक के शिक्षकों के हित को ध्यान में रखकर व्यापक एवं सशक्त आंदोलन की रणनीति बनाने को लेकर राज्य में बने विभिन्न मोर्चा को एकीकृत कर एक मंच पर लाने हेतु आगामी 27 अप्रैल को बैठक राज्यस्तर पर आहूत किया जाएगा,जिसमें नियोजित शिक्षकों को अध्यापक पद में समायोजन होने तक अनवरत आंदोलन करने संकल्प लिया जाएगा.