Darbhanga: सरकारी स्कूलों में आयोजित मॉक टेस्ट की समीक्षा में यह मामला सामने आया

70 से अधिक विद्यार्थी नीट-जेईई के प्रश्नपत्र नहीं कर पा रहे हल

Update: 2024-11-20 06:32 GMT

दरभंगा: सूबे में प्लस 2 स्कूलों के 70 फीसदी से अधिक विद्यार्थी नीट, जेईई के प्रश्नपत्र नहीं हल कर पा रहे हैं. सरकारी स्कूलों में आयोजित मॉक टेस्ट की समीक्षा में यह मामला सामने आया है. प्लस 2 स्कूल के विद्यार्थियों को इस मॉक टेस्ट में शामिल करना है, ताकि वे नीट व जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने और सफलता के लिए तैयार हो सकें. मुजफ्फरपुर समेत सूबे के विभिन्न जिलों में इस मॉक टेस्ट में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार घट रही है. इसकी पड़ताल की गई तो अलग-अलग जिलों से कारण बताया गया कि विद्यार्थियों ने प्रश्नपत्र के स्तर को कठिन बताया है. सवाल को हल नहीं कर पाने के कारण वे मॉक टेस्ट में शामिल नहीं होना चाह रहे हैं. माध्यमिक शिक्षा के निदेशक ने इसको लेकर बदलाव के निर्देश दिए हैं, ताकि 100 फीसदी विद्यार्थी इस मॉक टेस्ट में शामिल हो सकें. विद्यार्थियों की कक्षा के अनुरूप प्रश्नपत्र में सुधार होगा. समीक्षा में मधुबनी और किशनगंज जिलों में स्थिति सबसे खराब पाई गई है. यहां के विद्यार्थी न केवल आईसीट लैब में शामिल होने से कतरा रहे हैं, बल्कि मॉक टेस्ट में भी शामिल नहीं हो रहे हैं. मधुबनी में 43 फीसदी स्कूलों में ही मॉक टेस्ट हुआ. किशनगंज में बच्चे कंप्यूटर चला ही नहीं पा रहे हैं.

शिक्षकों से मांगा गया बदलाव को लेकर सुझाव: निदेशक ने सभी जिलों को शिक्षकों से प्रश्नपत्र के स्तर में बदलाव को लेकर सुझाव मांगने का निर्देश दिया गया है. ताकि, विद्यार्थियों की रुचि पढ़ाई में बढ़े और वे सवालों को हल कर सकें. जिले के विभिन्न स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि विद्यार्थी 11वीं-12वीं में पढ़ रहे हैं. वहीं, नीट और जेईई के सवाल का स्तर उच्च श्रेणी का होता है.

Tags:    

Similar News

-->