निगम ने वेतन का गबन करने वालों को फिर दे दी जिम्मेदारी
निगम ने खुली निविदा के जरिए चार एजेंसियों का चयन किया
मुजफ्फरपुर: कर्मियों का वेतन गबन करने वाली एजेंसियों को नगर निगम में फिर से मानव बल आपूर्ति की जिम्मेवारी मिली है. निगम ने खुली निविदा के जरिए चार एजेंसियों का चयन किया है, इनमें तीन पुरानी हैं. इन कंपनियों पर पूर्व में कर्मियों (मानव बल) को से फीसदी तक कम वेतन भुगतान को लेकर कार्रवाई हुई थी. कटौती की गई राशि वापस करनी पड़ी थी. इसके अलावा निगम में हुए हाजिरी घोटाले में भी संबंधित एजेंसियों की भूमिका पर अंगुली उठी थी.
एजी की ऑडिट रिपोर्ट में आउटसोर्सिंग एजेंसियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए उपस्थिति जान-बूझकर बढ़ाने की बात कही गई थी. पुराने एग्रीमेंट के तहत एजेंसियों को मानव बल के लिए अपने खर्च पर उपस्थिति की बायोमेट्रिक प्रणाली लगाना था. प्राधिकार से तय रिपोर्टिंग प्रमुख से उपस्थिति पत्रक को रोज सत्यापित कराना था. एजेंसियों के भुगतान से संबंधित फाइल व वाउचरों की जांच में पता चला कि उनके पास बायोमेट्रिक प्रणाली ही नहीं है. इसी की आड़ में पिछले साल फरवरी व 2023 में बिना काम किए ही 1973 कर्मियों के वेतन भुगतान कर दिया गया.
एक हजार से अधिक मानव बल आपूर्ति का आदेश अगले माह एक हजार से अधिक मानव बल की बहाली होगी. इसको लेकर निगम ने इन एजेंसियों को 924 कुशल व 91 अति कुशल मानव बल उपलब्ध कराने के आदेश दिया है. साथ ही इससे जुड़े कागजात तक निगम कार्यालय में देने को कहा गया है. निगम की विशेष कमेटी मानव बल के साथ उनके कागजात देखेगी. कमेटी की अनुशंसा पर ही मानव बल रखे जाएंगे. कुशल मानव बल में पंप ऑपरेटर, सफाईकर्मी, हल्का मोटर यान चालक, पलंबर, हेल्पर, पार्क, पुस्तकालय आदि के केयर टेकर शामिल हैं. अति कुशल मानव बल में बड़े वाहनों के चालक, बेल्डर, अमीन, मिस्त्रत्त्ी व अन्य होते हैं.