बिहार में पूर्ण शराबबंदी पर विचार: सीएम नीतीश को 2 पूर्व DGP ने दिये अहम सुझाव

बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मंगलवार को समीक्षा बैठक करने वाले हैं.

Update: 2021-11-15 17:41 GMT

पटना. बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मंगलवार को समीक्षा बैठक करने वाले हैं. इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. गोपालगंज, बेतिया और मोतिहारी में जहरीली शराब (Hooch Tragedy) पीने से कई लोगों की मौत के बाद नीतीश कुमार काफी नाराज हैं. माना जा रहा है कि समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश उन तमाम पहलुओं पर विस्तार से न सिर्फ चर्चा करेंगे बल्कि हर उस बिंदु को जानने की कोशिश करेंगे जिसकी वजह से बिहार (Bihar) में अवैध तरीके से शराब कैसे पहुंच रही है, और कौन लोग हैं जो इस धंधे में शामिल हैं. साथ ही इस काम में कौन उन्हें मदद कर रहा है.

समीक्षा बैठक के पहले नीतीश सरकार को राज्य के दो पूर्व पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) ने अहम सुझाव दिये हैं जो शराबबंदी को और भी कारगर बनाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुझाव दिया है कि सबकी जवाबदेही तय होनी चाहिए. चाहे वो चौकीदार हो या थाने. थानेदार से लेकर सिपाही तक अगर थाना स्तर पर कड़ाई हो गई तो फिर शराब के धंधे पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि व्यवस्था में कहीं न कहीं कमी है जिसकी वजह से यह धंधा चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर जवाबदेही तो तय नहीं की जा सकती है. लेकिन नैतिकता के नाते उनकी जवाबदेही भी तय करनी चाहिए.
बिहार के दो पूर्व पुलिस महानिदेशकों गुप्तेश्वर पांडेय सुरेश कुमार भारद्वाज ने मंगलवार को राज्य में शराबबंदी को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी तरफ से महत्वपूर्ण सुझाव सुझाए हैं (फाइल फोटो)
'बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से खत्म होगा, ऐसा संभव नहीं लगता'
वहीं, पूर्व डीजीपी सुरेश कुमार भारद्वाज कहते हैं कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से खत्म होगा, यह संभव नहीं लगता है. क्योंकि बिहार की सीमा से दो देशों और दो राज्यों की सीमा लगती है. जब तक पूरे देश में शराबबंदी लागू नहीं होता, तब तक बिहार में शराबबंदी को पूरे तौर पर सफल नहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस और उत्पाद विभाग पर निचले स्तर तक कड़ाई करनी होगी. लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए. खास कर हर स्कूल में बच्चों को भी जागरूक किया जाए ताकि वो अपने घर के लोगों को ठीक तरीके से यह समझा सकें. महिलाओं को भी रणनीति बना कर उन सभी को जागरूक करना होगा. साथ ही गांव से लेकर पंचायत स्तर तक यह मुहिम छेड़नी होगी.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग और पुलिस को अपना खुफिया तंत्र को और मजबूत बनाना होगा. इसके विंग का विस्तार भी करना होगा. साथ ही बॉर्डर पर कड़ाई करने की जरूरत है.
अप्रैल 2016 में बिहार में लागू हुआ था शराबबंदी कानून
बता दें कि वर्ष 2015 में सातवीं बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में पूरे प्रदेश में शराबबंदी लागू कर दी थी. इसके तहत बिहार में कहीं भी शराब बेचना और उसे खरीदना कानूनन अपराध हो गया था.
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