बिहार : बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद से मदन मोहन झा ने इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी है. अखिलेश को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है.
अखिलेश अभी संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) के सदस्य हैं. साल 2018 में वो राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. राज्य की सियासत में उनका बड़ा दखल और प्रभाव माना जाता है.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि राज्य के विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनको ये जिम्मेदारी दी गई है. काफी पहले से इसकी अटकलें भी लगाई जा रही थीं. बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ उनकी बेबाक आवाज भी कांग्रेस काफी भाती है.
सिंह के सियासी सफर पर एक नजर
अखिलेश बिहार विधानसभा के पूर्व सदस्य के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2000-2004 तक वो अरवल विधानसभा सीट से विधायक रहे.
साल 2004 में लोकसभा सदस्य चुने गए. इस दौरान मनमोहन सरकार में वो कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के मंत्री रहे.
सबसे अहम बात ये है कि अखिलेश लालू यादव की पार्टी में हुआ करते थे लेकिन लालू यादव से मनमुटाव के बाद वो उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था.
साल 2009 के आम चुनावों उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर पूर्वी चंपारण से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. फिर 2014 के लोकसभा चुनावों में मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था. यहां भी उन्हें हार मिली थी.
साल 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में वो तरारी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे. यहां उन्हें सीपीआईएमएल के उम्मीदवार सुदामा प्रसाद के हाथों शिकस्त खानी पड़ी थी.
सोर्स - दैनिकदेहात
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