मुआवजा के लिए हटे शर्त, जहरीली शराब से मरे सभी मृतकों के शवों का नहीं हुआ पोस्टमार्टम : सुशील मोदी

Update: 2023-07-07 15:15 GMT
 
पटना (आईएएनएस)। बिहार सरकार ने जहरीली शराब पीने से मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच, पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के लगातार दबाव बनाने पर राज्य सरकार ने जहरीली शराब से मरने वाले 38 लोगों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय किया। जबकि, ऐसे मामले में 500 से ज्यादा गरीबों की जान जा चुकी है।
सुशील मोदी ने कहा कि पिछले साल जहरीली शराब से मोतिहारी, नवादा में बड़ी संख्या में लोगों के मरने की घटना के बाद संवेदनहीन रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया था। यहां तक कहा था कि 'जो पिएगा सो मरेगा'।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों में 90 फीसदी लोग दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों के थे। पुलिस ने उन्हें डरा-धमकाकर न प्राथमिकी दर्ज कराने दी और न शवों का पोस्टमार्टम कराया। जब मृतकों की संख्या छिपाने के लिए एफआइआर, पोस्टमाटर्म होने नहीं दिए गए, तब अनुग्रह राशि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत जो 4 लाख से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं, उन्हें वापस लेकर एक बार सबको आम माफी दी जानी चाहिए। आम माफी की घोषणा से हजारों लोगों की रिहाई होगी और अदालतों पर मुकदमे का बोझ काफी कम होगा। उन्होंने कहा कि 2016 के पूर्ण मद्य निषेध कानून में अब तक इतने संशोधन हो चुके हैं कि यह सिर्फ कागज पर रह गया है।
Tags:    

Similar News

-->