सुखाड़ से चिंता बढ़ी, आकस्मिक फसलों की खेती की बनी योजना

Update: 2023-07-28 03:55 GMT

गोपालगंज न्यूज़: जिले में मानसून के निष्क्रिय होने रहने व सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न होने के बाद प्रशासनिक स्तर पर आकस्मिक फसलों की खेती की कवायद शुरू हो गयी है. जिला कृषि विभाग ने आकस्मिक फसल योजना 2023-24 तैयार की है. जिसमें विभिन्न प्रभेदों की धान, मक्का, अरहर व तोरिया की फसल शामिल है.

ये फसलें 90 दिनों में ही काफी कम पानी में तैयार हो जाएंगी. कम बारिश होने के बावजूद जिले के किसान इन फसलों की खेती कर उपज प्राप्त कर सकते हैं. जिला कृषि विभाग ने आकस्मिक फसल योजना के तहत कुल 60 हजार हेक्टेयर भूमि में उक्त फसलों की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसमें 45 हजार हेक्टेयर भूमि में धान, 13 हजार हेक्टेयर भूमि में मक्का, 1500 हेक्टेयर भूमि में अरहर और 500 हेक्टेयर भूमि में तोरिया की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है. जिला कृषि विभाग ने इन फसलों की खेती के लिए बीज की मांग भी की है. जिमसें कुल 16 हजार 425 क्विंटल बीज की आवश्यकता बतायी गयी है. इस संबंध में कृषि निदेशक बिहार को पत्र भी भेजा गया है. जिसमें 13 हजार 500 क्विंटल धान, 2600 क्विंटल मक्का, 300 क्विंटल अरहर और 25 क्विंटल तोरिया के बीज की डिमांड की गयी है.

जिले में कम बारिश होने को लेकर आकस्मिक फसल योजना 2023-24 तैयार की गयी है. इसको लेकर जरूरी कवायद तेज कर दी गयी है.-भूपेन्द्र मणि त्रिपाठी,डीएओ, गोपालगंज

चार महीने में हुई महज 34.17 फीसदी

जिले में पिछले चार महीने में 34.17 फीसदी ही बारिश हुई है. जिससे सुखाड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस साल अप्रैल से लेकर जुलाई महीने तक कुल 551.5 एमएम बारिश की आवश्यकता जिले को थी. इसके विरूद्ध जिले में इन चार महीनों में अबतक 188.49 एमएम बारिश ही हुई है. जो आवश्यकता के महज 34.17 प्रतिशत है. जुलाई महीने में अब 07 दिन बचे हैं. जिसमें जिले में 363.1 एमएम बारिश की आवश्यकता है. उधर, आवश्कता से कम बारिश होने के कारण के किसान परेशान हैं. धान की फसल को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं. खेतों में धान के पौधे रोपने के बाद अब निजी या किराए के पंपसेट सिंचाई कर उसे बचा रहे हैं.

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