नालंदा न्यूज़: राजगीर व इस्लामपुर नगर निकायों में हाल ही में चुनाव हुआ. परिणाम ने कई नई बातें लोगों के समक्ष रखीं. दोनों नगर परिषदों के लिए जीते प्रतिनिधियों में अधिकतर युवा वर्ग हैं. जीतने वालों में 12 प्रतिनिधि 30 साल से कम उम्र के हैं. इनमें से तीन प्रतिनिधि तो मात्र 22 साल के हैं. इनमें दो महिलाएं शामिल हैं.
वहीं 24 व 25 साल के एक-एक प्रतिनिधि हैं. 31 से 60 साल के बीच के 46 प्रतिनिधि हैं. वहीं 60 साल के अधिक उम्र के महज चार लोग जीतकर आए हैं. इस बार गृहिणियों ने भी कृतिमान स्थापित की है. जीतने वालों में 35 फीसद गृहिणियों ने पहली बार सामाजिक जीवन में कदम रखने के लिए दहलीज पार की हैं. ये विकास का नया पैमाना गढ़ने को तैयार हैं. 25 फीसद प्रतिनिधि स्नातक पास हैं, तो 30 फीसद प्रतिनिधि सिर्फ साक्षर हैं. तीन लोग निरक्षर भी हैं, जो अपने अनुभवों से विकास को गति देंगे. जीतने वाले 62प्रतिनिधियों के अनुभवों का लाभ स्थानीय नगर निकायों को मिलेगा. इस बार युवाओं के हाथों में इन नगर निकायों के विकास की बागडोर होगी. उनकी असीम ऊर्जा व कुछ नया करने का जज्बा अवश्य ही इन नगर निकायों को आगे बढ़ाएगा. हालांकि, दोनों ही नगर निकायों की मुख्य पार्षद महिलाएं हैं. राजगीर की मुख्य पार्षद जीरो देवी तो इस्लमापुर की किरण देवी बनी हैं. दोनों की उम्र लगभग 45 है. किरण देवी इसके पहले भी तीन बार मुखिया रह चुकी हैं. यानि गांवों व पंचायतों के विकास का अच्छा खासा अनुभव है. हाल ही में नय परिसीमन तय होने से उनकी पंचायत का नगर परिषद में विलय हो गया. उन्होंने सीधे मुख्य पार्षद के लिए चुनाव लड़ा. इसमें वे विजयी रहीं. राजगीर में सबसे कम उम्र सिर्फ 22 साल की मनीषा कुमारी व सुषमा कुमारी पहली बार जीतकर आयी हैं. सबसे अधिक पढ़े श्यामदेव राजवंशी व श्याम नारायण प्रसाद एमए हैं. वहीं नीतिराज कुमार बीटेक इंजीनियर करने के बाद नौकरी छोड़ सामाजिक जीवन में पैर जमाने उतरे हैं. यहां की 11 पार्षद गृहिणी हैं, तो नौ मजदूरी का काम करते हैं.
इसके अलावा चार खेती तो दो कारोबारी भी निर्वाचित हुए हैं. अन्य सभी पहले से ही समाजसेवा से जुड़े रहे हैं.