लालू-राबड़ी के घर सीबीआई की कार्रवाई पर CM नीतीश कुमार ने कही ये बात

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Update: 2022-05-22 15:42 GMT

लालू यादव और राबड़ी देवी के घरों पर हाल ही में हुई सीबीआई की छापेमारी के संबंध में पूछे गए सवाल पर नीतीश कुमार ने कमेंट करने से इनकार कर दिया. पत्रकारों ने नीतीश कुमार से पूछा था कि आरोप है कि सीबीआई की ये छापेमारी राजनीति से प्रेरित थी.

भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चलाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है और इस संबंध में मुझे कुछ नहीं कहना है. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में शामिल लोग ही आपके सवालों के जवाब दे सकते हैं.
छापेमारी को लेकर राजद ने लगाया था ये आरोप
बता दें कि छापेमारी के बाद लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की ओर से आरोप लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी के निर्देशों पर सीबीआई ने ये छापेमारी की है. राजद नेताओं की ओर से ये भी कहा गया कि सीबीआई की ओर से की गई छापेमारी का उद्देश्य नीतीश कुमार को चेतावनी देना था, जो हाल ही में राबड़ी देवी के घर पर आयोजित एक इफ्तार पार्टी में शामिल होने गए थे.
बता दें कि पटना में राजद कार्यालय के बाहर हाल ही में एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है. पोस्टर में प्रधानमंत्री का एक स्केच है. इसके अलावा एक पिंजरा है जिसमें एक तोता बंद है. तोते के ऊपर सीबीआई लिखा हुआ है. पोस्टर में एक चील भी है जिसके ऊपर प्रवर्तन निदेशालय (ED) लिखा हुआ है. पोस्टर में सीएम नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की भी एक छोटी सी तस्वीर भी है, जो एक-दूसरे के बगल में बैठे हैं.
राजद के राज्य महासचिव भाई अरुण ने पोस्टर को लेकर कहा कि सीबीआई की कार्रवाई वास्तव में राजनीतिक प्रतिशोध है. भाजपा इस बात से चिंतित है कि नीतीश फिर से एनडीए को छोड़ सकते हैं, इसलिए उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि उनका भी हाल लालू यादव जैसा हो सकता है.
बता दें कि नीतीश कुमार 1990 के दशक के मध्य से एनडीए के सहयोगी रहे हैं. उन्होंने 2005 में राबड़ी देवी को सत्ता से बेदखल कर दिया था, लेकिन आठ साल बाद वैचारिक मतभेदों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया. 2015 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने राजद के साथ गठबंधन किया और राजद-जेडीयू गठबंधन को जीत भी मिली. इसके बाद तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बनाए गए थे. इस दौरान तेजस्वी यादव के खिलाफ ईडी ने कई मामले दर्ज किए. बाद में 2017 में नीतीश कुमार राजद से नाता तोड़कर फिर से एनडीए के साथ आ गए.
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