गेल इंडिया के दोनों मदर स्टेशन को एनओसी नहीं मिलने से फंसा शहर का सीएनजी मदर स्टेशन

Update: 2024-05-26 06:22 GMT

पटना: शहर में बन रहे गेल इंडिया के दोनों मदर स्टेशन का काम अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं मिलने के कारण अधर में लटक गया है. अगले तीन महीनों में शहर में सीएनजी की खपत में दस प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा होने का अनुमान गेल अधिकारी लगा रहे है.

ऐसे में मदर स्टेशन शुरू नहीं होने से कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस(सीएनजी) आपूर्ति को लेकर अफरा-तफरी मचने की आशंका है. गेल के महाप्रबंधक सह बिहार प्रभारी अजय कुमार सिन्हा बताते हैं कि पटना नगर निगम से उन्हें सूचना मिली है कि उनकी लगभग तीन सौ कूड़ा उठाव गाड़ियां सीएनजी चलित पटना पहुंचने वाली है. इसके अलावा सितंबर महीने से स्कूली डीजल बसों के परिचालन पर भी रोक लगने वाली है. शहर में सैकड़ों की संख्या में स्कूली बसें चलती हैं. सीएनजी चलित स्कूल बस शुरू हाने से सीएनजी की खपत में तेजी से बढ़ोतरी होगी.

जबकि एनओसी नहीं मिलने के कारण गर्दनीबाग और ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मदर स्टेशन का काम ठप है. जबकि शहर में लगातार सीएनजी की खपत बढ़ती जा रही है. फिलहाल शहर में एक लाख किलो प्रतिदिन सीएनजी की खपत हो रही है. सीएनजी की आपूर्ति का दबाव सीएनजी स्टेशनों पर काफी ज्यादा है. स्टेशनों पर सीएनजी लेने के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें लग रही है. फिलहाल पटना में ज्यादातर सीएनजी स्टेशनों पर गैस की आपूर्ति नौबतपुर स्थित मदर स्टेशन से की जा रही है.

कम होंगी गाड़ियों की कतारें : शहर में मदर स्टेशनों की संख्या बढ़ने से नए सीएनजी पंपों के खुलने और सीएनजी की आपूर्ति बाधारहित हो सकेगी. सीएनजी पंपों पर गैस के लिए लगने वाली गाड़ियों की कतारें में कमी आएगी.

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