खाली पेट बच्चों को दी गई थी पेट के कीड़े मारने की दवा, 60 से ज्यादा बच्चों की हालत गंभीर

मुंगेर घोरघाट से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां स्कूल के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवाई खिलाई गई थी. जिसके बाद से स्कूल के छात्रों की तबीयत बिगड़ गई. यह घटना बरियारपुर प्रखंड के घोरघाट स्थित शाह जुबैर मध्य विद्यालय की है.

Update: 2022-04-23 04:00 GMT

मुंगेर घोरघाट से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां स्कूल के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवाई खिलाई गई थी. जिसके बाद से स्कूल के छात्रों की तबीयत बिगड़ गई. यह घटना बरियारपुर प्रखंड के घोरघाट स्थित शाह जुबैर मध्य विद्यालय की है. बताया जा रहा है कि बच्चों को दवा खिलाने के बाद से लगभग 70 बच्चों की तबीयत खराब हो गई. दवाई खाने के बाद से बच्चों को उल्टी, सिर दर्द, पेट दर्द हो रहा है. इसके बाद से स्कूल में अफरा-तफरी का माहौल बना गया. इसके अलावा लगभग 25 बच्चे स्कूल में बेहोश भी हो गए.

स्कूल में बच्चों की हालत गंभीर

पूरे स्कूल में बच्चों की हालत खराब हो गई और स्कूल में हड़कंप मचा हुआ है. इसके बारे में स्कूल के अभिवावकों को सूचित किया गया. जिसके बाद सभी बच्चों के अभिवावक स्कूल पहुंचे और सभी अपने-अपने बच्चों को लेकर इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र गये. अस्पताल में बच्चों की भीड़ के चलते उन्हें जमीन पर लिटाया गया और इलाज शुरू किया गया.

लगभग 56 बच्चों की तबीयत खराब, 24 बेहोश

इस मामले की जानकारी सदर के एसडीओ को दी गई, इसके साथ ही शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार चौधरी को भी सूचित किया गया. जो बाद में बच्चों की हालत का जायजा लेने अस्पताल पहुंचे. इस पूरे मामले की अधिकारियों ने जानकारी ली. मिली जानकारी के मुताबिक कक्षा चार से कक्षा 8 तक के बच्चों की तबीयत खराब हुई है जिसमें लगभग 56 बच्चे शामिल हैं. इसके अलावा 24 बच्चे बेहोश हो गये थे. डॉक्टरों ने जानकारी दी कि सभी बच्चे खतरे से खाली हैं. इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिये जा चुके हैं.

बच्चों को दी गई थी पेट के कीड़े मारने की दवा

बताया जा रहा है कि पेट के कीड़े मारने की दवाई बच्चों को मध्याह्न भोजन के बाद देनी होती है, लेकिन बच्चों को दवा खाली पेट दी गई थी जिसके कारण बच्चों की तबीयत अचानक से खराब होने लगी. बताया जा रहा है सुबह शिक्षक ने बच्चों से बिना जानकारी के मिड डे मील से पहले उन्हें यह दवा खिलाई जिसके बाद लगातार बच्चे बीमार पड़ने लगे. इस पूर मामले में स्कूल प्रबंधन की लापारवाही बताई जा रही है.

स्कूल की रही लापरवाही

प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार ने जानकारी दी कि यह दवाईयां स्वास्थ विभाग के द्वारा भेजी जेती हैं . शिक्षकों के द्वारा बच्चों को यह दवाईयां दी जानी थी. उन्होंने बताया कि 4 से 12 साल के बच्चों को महज एक टेबलेट दी जाती है और 4 साल से कम उम्र के बच्चों को आधी टेबलेट देनी थी. लेकिन बच्चों को खाली पेट दवाई देने के कारण सभी की तबीयत खराब हो गई. प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार ने भी माना कि यह स्कूल की लापरवाही के कारण हुआ है. बच्चों को मध्याह्न भोजन के बाद दवाई देनी थी लेकिन खाली पेट दवा देने के कारण हालात बिगड़ गई.


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