इलाज में देरी होने से पेट में मर गया बच्चा, खून जांच के लिए 2500 रुपये लिये

पीड़ित पक्ष ने डीएम को अपनी परेशानी से अगवत कराया

Update: 2024-04-14 06:26 GMT

कटिहार: सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में गर्भवती महिला के परिजनों ने आर्थिक हन करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. इसके बाद पीड़ित पक्ष ने डीएम को अपनी परेशानी से अगवत करा दिया.

डीएम मनेश कुमार मीणा के आदेश पर सदर एसडीओ आलोक चंद्र चौधरी सदर अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिजन की जानकारी ली. मनिहारी के मुजबर टाल बानगांवा निवासी जेठा किस्कू ने बताया है कि वह पत्नी तालामोय हेंब्रम को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में 10 बजे लेकर पहुंचा. वहां प्रसव के लिए 10 हजार रुपये की मांग की गई. पैसे नहीं देने पर बाहर से प्रसव करवाने की बात कर्मियों ने कही. मजबूरन उसके हामी भर दी लेकिन इलाज में देरी होने के कारण बच्चा भी पेट में ही मर गया. पीड़िता ने बताया है कि सदर अस्पताल में खून जांच के नाम पर ब्लड बैंक सदर अस्पताल में कर्मी द्वारा उससे 25 सौ रुपये लिये गए.

इसके बाद सदर अस्पताल से वे लोग प्रसूता को विनोदपुर स्थित निजी नर्सिंग होम लेकर गए. वहां पर ऑपरेशन के नाम पर 24 हजार रुपये की मांग की गई. पीड़ित की शिकायत है कि फिर से सदर अस्पताल जाने पर ममता ने उससे फिर पैसे की मांग की. ममता ने उससे नार्मल डिलेवरी के लिए पैसे मांग और यह बात किसी को नहीं बताने को कहा. पीड़ित परिजन ने एसडीओ से मामले की जांच कर स्वास्थ्य कर्मियों में ममता के खिलाफ कार्रवाई करने और ब्लड बैंक के जांच कर्मी द्वारा लिए 25सौ रुपये वापस करवाने की मांग की है.

सूचना पर वह सदर अस्पताल गये थे. पीड़ित पक्ष को स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में हुई परेशानी से अवगत हुए हैं. आदिवासी महिला के परिजन द्वारा आवेदन प्राप्त हुई है. इस मामले में की जांच कर षी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. -आलोक चंद्र चौधरी, एसडीओ, कटिहार

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