खून के नाम पर मरीजों के परिजनों से कर रहे ठगी

Update: 2023-07-14 09:13 GMT

पटना न्यूज़: खून देने के नाम पर इन दिनों मरीजों की मजबूरी का फायदा दलाल उठाने लगे हें. ऑनलाइन साइट पर रक्तदाताओं का फर्जी वॉट्सएप और फेसबुक ग्रुप बनाकर मरीजों से ठगी की जा रही है. उनके चंगुल में फंसकर मरीजों के परिजनों को आर्थिक क्षति हो ही रही है. दूसरी ओर खून की कमी के कारण मरीज के जीवन पर भी संकट गहरा होता जा रहा है. ब्लड बैंकों से बिना डोनर खून मिलने में परेशानी से भी मरीज के परिजन इनके चंगुल में फंस जा रहे हैं.

एम्स ने दर्ज कराई प्राथमिकी कई धंधेबाज फर्जी डोनर कार्ड थमाकर मरीजों के परिजनों से हजारो रुपये वसूल ले रहे हैं. ऐसे फर्जी डोनर के खिलाफ एम्स प्रशासन ने फुलवारीशरीफ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है. एम्स में भर्ती एक मरीज के परिजन को खून नहीं मिल रहा था. ब्लड बैंक के पास खड़े एक दलाल के चंगुल में फंस गया. वहां दो यूनिट खून के लिए दलाल ने उसे दो डोनर कार्ड दिए और 12 हजार रुपये वसूल लिए. दोनों कार्ड एम्स के ब्लड बैंक के नाम से बने थे. जब मरीज के परिजन खून लेने काउंटर पर पहुंचे तो दोनों कार्ड फर्जी पाए गए.

परिजन को खून नहीं मिल पाया. एम्स अधीक्षक कार्यालय में इसकी शिकायत की गई. उनके निर्देश पर पटना एम्स के सुरक्षा अधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई.

दिल्ली की रश्मि सिंह के भाई का ऑपरेशन पटना में होने वाला था. उन्हें चार यूनिट खून की जरूरत थी. इसके लिए चार रक्तदाताओं को लाने को कहा गया. रश्मि की बहन ने ऑनलाइन सर्च का प्रयास किया. कुछ ग्रुप में भी परेशानी साझा की. थोड़ी देर बाद आए कॉल में चार लोगों को लाने की बात कही गई. टैक्सी के लिए ढाई हजार भेजने के डेढ़ घंटे तक इंतजार के बाद भी रक्तदाता नहीं पहुंचे. मोबाइल नंबर ऑफ हो गया.

आरा के सत्येंद्र की पत्नी का आईजीआईएमएस में हृदय का ऑपरेशन होना था. उन्हें भी तीन यूनिट खून की जरूरत थी. उन्होंने साइट पर दिए स्वैच्छिक रक्तदाता के एक नंबर पर कॉल किया. फोन पर बात करने के दौरान दो लोग तैयार हो गए. दोनों ने टैक्सी से समस्तीपुर से पटना आने के लिए किराए की मांग की. सत्येंद्र ने यूपीआई से तीन हजार रुपये उनके खाते में डाल दिए. इसके बाद वेबसाइट पर मिले रक्तदाता का नंबर पहुंच क्षेत्र से बाहर बताने लगा.

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