Chapara: दो महीने के अंदर ही दो लाख 57 हजार 250 जॉब कार्ड डिलीट किये गये
बड़ी संख्या में जॉब कार्डधारक पलायन कर गए
बिहार: नए वित्तीय वर्ष में महज दो माह पांच दिन बचे हैं। लेकिन, इस दौरान बिहार में 2 लाख 57 हजार 250 जॉब कार्ड डिलीट कर दिये गये हैं. इसके पीछे की वजह भी विभाग ने बताई है. विभाग का कहना है कि कई लोग काम नहीं करना चाहते थे और उन्होंने जॉब कार्ड बनवा लिया। जिन लोगों ने आधार कार्ड नहीं दिया है, उनके जॉब कार्ड भी डिलीट कर दिये गये हैं. कई जगह तो एक ही व्यक्ति के दो-दो जॉब कार्ड बन गए। बड़ी संख्या में जॉब कार्डधारक पलायन कर गए। ऐसे लाभार्थियों के जॉब कार्ड भी डिलीट कर दिए गए हैं।
जॉब कार्ड डिलीट होने का कारण..
विभाग ने यह भी बताया कि जो लोग मर गये हैं उनके जॉब कार्ड भी डिलीट कर दिये गये हैं. मनरेगा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (एसपीओ) अनीश रंजन ने कहा कि आवश्यक योग्यता पूरी करने और दस्तावेज जमा करने के बाद हटाए गए जॉब कार्ड पर पुनर्विचार किया जाता है. पिछले साल 21 लाख जॉब कार्ड डिलीट कर दिए गए
वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21 लाख 13 हजार 194 जॉब कार्ड डिलीट किये गये. इस पर कई सवाल उठे. यह भी आरोप लगाया गया कि तकनीकी कारणों से जरूरतमंद ग्रामीणों के जॉब कार्ड डिलीट कर दिए गए। जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक बार जॉब कार्ड डिलीट हो जाने पर आम ग्रामीण के लिए इसे दोबारा बनवाना आसान नहीं होता है।
पूर्णिया, अरवल, औरंगाबाद और समस्तीपुर में सबसे ज्यादा जॉब कार्ड डिलीट किये गये हैं
पूर्णिया 31551
पटना 28377
औरंगाबाद 28209
अररिया 24741
समस्तीपुर 24388
23966 गए
रोहतास 21260
नालन्दा 13195
बेगुसराय 10524
जमुई 10475
पश्चिमी चम्पारण 6147
शिवहर 5557
मधेपुरा 5079
वैशाली 4966
खगड़िया 4129
सिवान 3503
सीतामढी 2897
दरभंगा 2815
2563 मधुब का
कटिहार 2128
नेवादा 2010
शेखपुरा 1887
सुपौल 1320
मुजफ्फरपुर 771
किशनगंज 657
गोपालगंज 555
भागलपुर 468
बांका 418
भोजपुर 415
बक्सर 398
पूर्वी चंपारण 310
लखीसराय206
सारण 183
भभुआ 167
मुंगेर 117
जहानाबाद 94
सहरसा 79
अरवल 49