केंद्र सरकार का फैसला, बिहार की तर्ज पर देश भर में 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा डॉल्फिन डे

दुर्लभ होती जा रही डॉल्फिन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए बिहार की तर्ज पर देश भर में डॉल्फिन डे मनाया जाएगा।

Update: 2022-08-07 04:10 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  दुर्लभ होती जा रही डॉल्फिन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए बिहार की तर्ज पर देश भर में डॉल्फिन डे मनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर को डॉल्फिन डे मनाने का फैसला लिा है। बिहार में इसी दिन हर साल डॉल्फिन दिवस मनाया जाता है।

बताया जा रहा है कि पहले केंद्र सरकार ने डॉल्फिन डे मनाने के लिए 10 अक्टूबर को तारीख प्रस्तावित की थी और फिर सभी राज्यों से सुझाव मांगे गए थे। मगर बिहार में पहले से ही 5 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता रहा है, इसलिए केंद्र ने भी इसी दिन को चुना। अब पूरे देश में 5 अक्टूबर को ही डॉल्फिन डे मनाया जाएगा।
बीते दिनों स्टैंडिंग कमेटी ऑफ नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की 67वीं बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके बाद सभी राज्यों को इस बारे में सूचना भेज दी गई।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल के बाद 5 अक्टूबर 2009 को केंद्र सरकार ने डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की बैठक में सीएम नीतीश ने यह सुझाव दिया था। इसके बाद 2010 में इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। बिहार में इसी दिन को आधार मानकर 2012 से हर 5 अक्टूबर को डॉल्फिन डे मनाया जा रहा है।
साल 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रोजेक्ट डॉल्फिन की घोषणा की थी। इसके लिए विलुप्त होती जा रही डॉल्फिन को संरक्षित करने के लिए 10 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया। इसके लिए केंद्र की ओर से संचालन समिति का गठन किया गया और बिहार के आरके सिन्हा इसके सदस्य बने थे।
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बिहार में है सबसे ज्यादा डॉल्फिन
वर्तमान में देश में लगभग 3200 डॉल्फिन हैं। इनमें से आधी डॉल्फिन बिहार में हैं। सूबे में गंगा नदी में सर्वाधिक 800 डॉल्फिन हैं। वहीं, गंडक नदी में भी 300 से ज्यादा डॉल्फिन मौजूद है। डॉल्फिन गंगा और इसकी सहायक नदियों में पाई जाती हैं। मगर धीरे-धीरे यह जलीय जीव दुर्लभ होता जा रहा है। दिल्ली में आखिरी बार 1967 में डॉल्फिन नजर आई थी।
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