नालंदा न्यूज़: देशव्यापी व कमरतोड़ महंगाई के लिए केन्द्र सरकार जिम्मेवार है. एक तरफ देश की जनता महंगाई की चक्की में पिस रही है. दूसरी तरफ सत्ता के अहंकार में डूबे केन्द्र सरकार के नेता कान में तेल डालकर सो रहे हैं.
पूर्व विधायक सह जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि महंगाई से गरीब, मजदूर, दलित, किसान और आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है. उनके वोट से चुनकर आयी सरकार इसे कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. सरकार चाहे तो एक महीने में महंगाई पर काबू पाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो इंटरेस्ट रेट कम कर के लोगों के पैसे बचवा सकती है. इससे बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. उत्पादन बढ़ेगा तो सामान भी सस्ते होंगे. लेकिन, सरकार का ध्यान पूंजीपतियों से हट नहीं रहा. इंटरेस्ट रेट घटाने की बजाए और बढ़ाने का ऐलान कर दिया गया है. इससे मंहगाई और बढ़ेगी. पेट्रोल-डीजल से मंहगाई से सीधा संबंध होता है. आज जब कच्चे तेल की कीमतों में पिछले 7 महीनों में 32 फीसद की गिरावट हुई है, तब सरकार यदि चाहती तो पेट्रोल के दामों में लगभग 18 रुपये की कमी कर सकती थी.