दरभंगा एम्स के बहाने एक बार फिर से केंद्र सरकार और बिहार सरकार आमने-सामने हो गई

Update: 2023-08-14 11:11 GMT
दरभंगा एम्स के बहाने एक बार फिर से केंद्र सरकार और बिहार सरकार आमने-सामने हो गई हैं. बिहार के सत्तारूढ़ दल के लोग केंद्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार विकास की राजनीति करती है, विकास पर राजनीति नहीं. वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बिहार के दरभंगा में नए एम्स के निर्माण को लेकर चर्चा की थी. कहा गया था कि बिहार के दरभंगा में 725 बेड का दूसरा एम्स का निर्माण किया जाएगा. 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इसकी मंजूरी मिली. 1264 करोड़ रुपए भी मंजूर किए गए और 48 महीने में दरभंगा एम्स बनकर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन 2023 को स्वास्थ्य मंत्रालय के तरफ से बिहार सरकार के द्वारा दी गई जमीन पर सवाल खड़ा किया गया. तब से इस पर सियासत हो रही है.
प्रधानमंत्री कुछ भी बोल जाते हैं: RJD
RJD के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार ने दरभंगा में सही जगह पर जमीन उपलब्ध करवाई है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है. भारत के इतिहास में अपने बात के प्रति इतना लापरवाह प्रधानमंत्री कोई नहीं रहा. 140 करोड़ आबादी वाली देश के प्रधानमंत्री यदि इतना सफेद झूठ बोलेंगे तो देश की प्रतिष्ठा गिरती है. बिना जांच-पड़ताल के देश के प्रधानमंत्री कुछ भी बोल जाते हैं. देश के ऐतिहासिक तथ्यों को भी प्रधानमंत्री ने गलत ढंग से पेश किया. इस मामले पर प्रदेश के लोग प्रधानमंत्री का उपहास उड़ा रहे हैं. यदि केंद्र सरकार जमीन की मंजूरी दे तो भी तीन से चार वर्ष इसको बनने में लगेंगे.
JDU और RJD के नेता दोषी: BJP
वहीं, इस पर बीजेपी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने डंके की चोट पर दरभंगा को एम्स दिया था. देश में जितने नए एम्स स्वीकृत हुए थे उसमें दरभंगा को छोड़कर हर जगह एम्स शुरू हो गया है, लेकिन बिहार सरकार और नीतीश कुमार की लापरवाही के कारण दरभंगा का एम्स अधर में लटका हुआ है. बीजेपी के विधायक जीवेश कुमार ने कहा कि दरभंगा में एम्स नहीं बनने के लिए यदि कोई दोषी है तो वह JDU और RJD के नेता दोषी हैं. जीवेश कुमार ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि बिहार सरकार की कैबिनेट के द्वारा डीएमसीएच में एम्स बनाने की स्वीकृति दी थी. मिट्टी भराई का काम भी उसमें शुरू हो गया. दो चरण का काम पूरा होने के बाद अचानक में सत्ता बदलते ही नीतीश कुमार ने एम्स की जगह भी बदल दी. अब यदि दरभंगा में एम्स का निर्माण शुरू नहीं हुआ है तो इसके लिए कौन दोषी है. यह बिहार की जनता बखूबी जानती है.
शिवानंद तिवारी बिना जमीर के नेता: जीवेश कुमार
जीवेश कुमार ने सवाल उठाया कि डीएमसीएच परिसर में एम्स बनाने के लिए जो मिट्टी भरने का काम किया, उसके लिए जो पैसा खर्च हुआ उसके लिए किस पर प्राथमिक की दर्ज की जाए. बिहार सरकार के पास कोई नीयत और नीति नहीं है. बिना प्लानिंग के बिहार की सरकार चल रही है. RJD के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लापरवाह प्रधानमंत्री कहे जाने पर जीवेश कुमार ने कहा कि शिवानंद तिवारी बिना जमीर के नेता हैं. शिवानंद तिवारी लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लड़ाई लड़े और आज उसी लालू यादव इस चरण में बैठकर राजनीति कर रहे हैं.
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बीजेपी की मंशा साफ नहीं: JDU
वहीं, इस पर JDU प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि बिहार में दरभंगा में बनने वाले एम्स को लेकर बीजेपी सियासत कर रही है. केंद्र की सरकार नहीं चाहती है कि दरभंगा में एम्स का निर्माण हो सके. अंजुम आरा ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठे हुए प्रधानमंत्री से ऐसी बातों की उम्मीद नहीं की जा सकती. जब प्रधानमंत्री ही गलत बयान दे रहे हैं तो बीजेपी के नेताओं के बारे में क्या कहना है. अंजुम आरा ने कहा कि बिहार सरकार ने दरभंगा में सबसे उपयुक्त जगह शोभन बाईपास के पास ग्रीन फील्ड एरिया में एम्स निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करवाई थी. जहां से दरभंगा एयरपोर्ट की दूरी महज 5 मिनट की है. उसकी मिट्टी भराई के लिए भी टेंडर हो गया था, लेकिन बीजेपी की मंशा साफ नहीं है. JDU प्रवक्ता ने बीजेपी के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि पहले सिर्फ गृह मंत्री अमित शाह गलत बयान देते थे अब तो प्रधानमंत्री भी गलत बयान देने लगे हैं. बिहार सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द दरभंगा में एम्स का निर्माण हो. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया को धन्यवाद दिया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को बता दिया कि अभी तक दरभंगा में एम्स का निर्माण नहीं हुआ है. बिहार सरकार अभी चाहती है केंद्र सरकार इस बात को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द दरभंगा में एम्स का निर्माण शुरू हो सके.
सियासी बयानबाजी जारी
दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच में सियासी बयानबाजी चल रही है. दोनों दरभंगा एम्स के निर्माण नहीं हो पाने के लिए एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं. दरभंगा एम्स के निर्माण हो जाने से उत्तर बिहार के अलावा कोसी, सीमांचल, बेतिया और नेपाल के लोगों को फायदा होता, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के बीच हो रही इस राजनीति के शिकार बिहार के वह लोग हो रहे हैं जिनको बेहतर इलाज के लिए दिल्ली या अन्य जगहों पर परेशान होना पड़ रहा है. अब जरूरत है इस पर सियासत बंद होकर जल्द से जल्द दरभंगा में एम्स का निर्माण शुरू हो ताकि उत्तर बिहार के लोगों को राहत मिल सके.
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