सहरसा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बनगांव रोड स्थित शान्ति अनुभूति भवन की पांचवीं वर्षगांठ शनिवार को हर्षोल्लास एवं समारोहपूर्वक मनाई गई।कार्यक्रम को संबोधित कर सेवाकेंद्र प्रभारी स्नेहा बहन ने कहा कि सहरसा में कोशी वासियों की आध्यात्मिक सेवा के लिए जनवरी 2008 में ब्रह्मा कुमारीज की शाखा का शुभारंभ हुआ था। परिणामस्वरूप अनेक कोशीवासी भाई-बहनों ने ईश्वरीय ज्ञान का लाभ लेकर जीवन को पवित्रता, सात्विकता एवं चरित्र-निर्माण के मार्ग पर कदम बढ़ाया और सेवाओं का चारों ओर विस्तार करने के लक्ष्य से सेवाकेंद्र का अपना भवन बनाने का संकल्प किया।29 अक्टूबर, 2017 को शान्ति अनुभूति भवन का निर्माण कार्य संपन्न हुआ।जिसका उद्घाटन बिहार ब्रह्मा कुमारीज सेंटर्स की संचालिका राजयोगिनी रानी दीदी और बिहार की अनेक वरिष्ठ बहनें एवं भाई पधारे और बहुत ही शानदार उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
विगत पांच वर्षों में माउंट आबू एवं भारत के अनेक प्रमुख स्थानों से महारथी, त्यागी-तपस्वी, महान आत्माओं का इस भूमि पर शुभागमन हुआ। जिनके द्वारा अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से लाखों आत्माओं को परमपिता परमात्मा शिव के अवतरण एवं कर्तव्य का जो महान कार्य का संदेश पहुंचाया गया। इस स्थान पर प्रतिदिन राजयोग प्रशिक्षण एवं अनेक प्रकार की सेवाओं का कार्यक्रम चलता रहता है। पांच वर्षों में यह स्थान आध्यात्मिक रूप से चार्ज हो गया है और यहां आने वाले अनेक भाई-बहनों को शान्ति एवं सुकून का अनुभव होता है। इसके द्वारा मुरलीगंज और सिमरी बख्तियारपुर में भी सेवाकेंद्र की स्थापना हुई है और अनेक स्थानों पर गीता पाठशालायें भी खोली गई है।जहां प्रतिदिन भगवान शिव के महावाक्य सुनाये जाते हैं और जीवन को तनावमुक्त एवं व्यसनमुक्त बनाने के लिए राजयोग शिविर एवं अनेक प्रकार के कार्यक्रम किये जाते हैं।
अपनी शुभकामनाएं देते हुए जयप्रकाश भाई ने कहा कि शान्ति अनुभूति भवन सहरसा वासियों के लिए परमात्मा का एक अनुपम उपहार है। आने वाले समय में यह स्थान शान्ति अनुभूति के लिए तीर्थ स्थान के रूप में मशहूर होने वाला है।कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन कर केक कटिंग, सबको मुकुट पहना कर तिलक लगाकर मुख मीठा कराकर सौगात दी गई।सभी खुशी में झूम रहे थे और एक स्वर्गिक नजारा अनुभव हो रहा था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूनम बहन, निकिता बहन, अमर दहलान, हैप्पी भाई, अवधेश भाई, शत्रुघ्न भाई, रविंद्र भाई, सत्येंद्र भाई आदि उपस्थित थे।