पटना हाईकोर्ट के सात जजों का जीपीएफ अकाउंट बंद होने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। एक अटपटा मामला सामने आया है कि बिहार के महालेखाकार ने पटना हाई कोर्ट के 7 जजों का जीपीएफ खाता बंद कर दिया। अब दूसरे को न्याय दिलाने वाले जज को अपने लिए ही न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगानी पड़ी है। ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है। पटना हाई कोर्ट के 7 जजों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। मामला बिहार सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट के 7 जजों के जीपीएफ अकाउंट्स को बंद करने से जुड़ा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या? जजों का जीपीएफ खाता बंद हो गया? याचिकाकर्ता कौन है? मामले को 24 फरवरी के लिए लिस्ट करें।
सुप्रीम कोर्ट में सात जजों जस्टिस शैलेन्द्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जितेन्द्र कुमार, जस्टिस आलोक कुमार पांडेय, जस्टिस सुनील दत्त मिश्रा, जस्टिस चन्द्रप्रकाश सिंह और जस्टिस चन्द्रशेखर झा की ओर से याचिका दाखिल की गई है। ये सभी जज न्यायिक सेवा कोटे से 22 जून को जज नियुक्त हुए थे। जज बनने के बाद इन सभी के जीपीएफ अकाउंट को बंद कर दिया गया। सरकार का कहना है कि इन सभी जजों के जीपीएफ एकाउंट इसलिए बंद किए गए हैं, क्योंकि न्यायिक सेवा में उनकी नियुक्ति साल 2005 के बाद हुई थी। पटना हाई कोर्ट के जजों ने कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जजों की ओर से पेश वकील ने कहा कि 7 जजों के जीपीएफ अकाउंट को बंद कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि सरकार ने हाई कोर्ट के जजों का जीपीएफ खाता बंद कर दिया है। बिहार के महालेखाकार ने जजों के जीपीएफ खातों को बंद कर दिया है। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने हैरान होकर पूछा कि क्या, जजों के जीपीएफ खातों को बंद कर दिया गया। याचिकाकर्ता कौन हैं, इसे शुक्रवार को लिस्ट किया जाता है।