Buxar: सरकारी विद्यालयों में शुद्ध पेयजल के लिए सबमर्सिबल बोरिंग करायी गयी
टंकी से कनेक्शन नहीं
बक्सर: विगत दिनों सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में शुद्ध पेयजल के लिए सबमर्सिबल बोरिंग करायी गयी. यह कार्य एजेंसियों को दिया गया. एजेंसियों द्वारा ज्यादातर विद्यालयों बोरिंग तो की गयी लेकिन अब तक टंकी और नल का कनेक्शन नहीं किया गया है. बच्चे पेयजल के लिए चापाकल पर ही आश्रित है. कुछ विद्यालयों के प्रधानाचार्य (एचएम) ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि कई विद्यालयों में एचएम की अनुपस्थिति में 300 फीट बोरिंग के बदले 150 से 180 फीट ही बोरिंग की गयी.
इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों ने कहा कि विभागीय स्तर से सबमर्सिबल योजना की जांच करायी जाय तो इसकी कलई खुल की जाएगी.अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक अपने लिए आरओ का पानी खरीद अपनी व्यवस्था कर लेते हैं.
वहीं प्रखंड के जौहरीलाल हाई स्कूल और तेजनारायण उच्च विद्यालय शालिग्रामी में जिला परिषद द्वारा पूर्व में की बोरिंग ही है. इसका समुचित संचालन नहीं हो रहा. यहां भी पेयजल की व्यवस्था चापाकल के माध्यम से पूरी होती है. जौहरीलाल हाईस्कूल के छात्र कृष्णा कुमार, धीरज कुमार, धन्नु, मनीषा कुमारी और खूशबू खातून बताती है कि पेयजल की सही व्यवस्था नही है. विद्यालय में एक ही चापाकल है. लंच टाइम में भीड़ होने पर इंतजार करना पड़ता है. दूसरे चापाकल पर जाने पर लोग मना करते हैं.
बोरिंग कराने में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई: विद्यालयों में बोरिंग और उसके कनेक्शन को लेकर की गयी पड़ताल में हाईस्कूल तरबन्ना के एचएम राजकपूर और माध्यमिक उच्च विद्यालय समस्तीपुर के एचएम रंजीत कुमार ने बताया एंजेसी द्वारा बोरिंग की गयी है. लेकिन कनेक्शन नहीं किया गया है. बताया गया है कि कमोबेश यही हाल प्रखंड के अधिकांश विद्यालयों का है. पड़ताल करने पर कुछ विद्यालयों के एचएम नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कई जगहों पर बोरिंग में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई है. प्राक्कलन विद्यालयों को नही दिखाया गया. साथ ही मानक से कम गहराई में बोरिंग हुई है.