Buxar: ई-शिक्षा कोष एप में अबतक लगभग बीस प्रतिशत बच्चों की हुई इंट्री

Update: 2024-07-01 04:03 GMT

बक्सर: सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों के आंकड़ों की ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर इंट्री कराने का मामला परवान नहीं चढ़ रहा है. अबतक लगभग बीस प्रतिशत बच्चों का ही इंट्री हो चुका है.

बताया गया है कि अभी तक लक्ष्य के सिर्फ दस प्रतिशत बच्चों की ही इंट्री अभी तक हो पायी है. बताया गया है कि इंट्री करने में सर्वर का स्लो होना परेशानी का सबब बना हुआ है. इसके अलावा बच्चों के आधार कार्ड में विवरण का मिसमैच होना भी समस्या बनकर खड़ी हो रही है.

बताया गया है कि जिले में करीब छह लाख बच्चों का इंट्री कराया जाना है. इनमें से अबतक सिर्फ एक लाख 25 हजार 501 बच्चों की ही इंट्री हो चुकी है. चालू शैक्षणिक वर्ष में सरकारी विद्यालयों में नामांकित वर्ग एक से बारहवीं तक के बच्चों के आंकड़ों की इंट्री ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर करायी जानी है. विद्यालय स्तर पर इस कार्य को सुगमतापूर्वक कराने की जवाबदेही एचएम जबकि प्रखंड स्तर पर बीईओ को दी गयी है. इसमें किसी तरह की त्रुटि के लिए ये जवाबदेह होंगे. शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि आंकड़ों की इंट्री पूरी सावधानी के साथ हो. इन्हीं आंकड़ों के आधार पर डीबीटी से संबंधित योजना जैसे मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री बालिका इंटरमीडिएट प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री बालक-बालिका प्रोत्साहन योजना, छात्रवृत्ति आदि योजना का लाभ मिलेगा.

आंकड़ों की इंट्री के लिए जारी निर्देश में कहा गया है कि जिन विद्यार्थियों का आधार संख्या नहीं है, उनका नामांकन अभिभावकों के द्वारा स्वेच्छा से घोषित कागजात के आधार पर किया जाएगा. नामांकन के बाद उनका आधार कार्ड अनिवार्य रूप से बनवाकर आंकड़ों की इंट्री की जाएगी. यह इंट्री प्रखंड संसाधन केंद्र व विद्यालयों में संचालित आईसीटी लैब के माध्यम से ही कराया जाएगा. जिन विद्यालयों में आईसीटी लैब संचालित नहीं उन विद्यालयों को नजदीक के आईसीटी लैबयुक्त विद्यालय अथवा प्रखंड संसाधन केंद्र से संबद्ध कराने की जवाबदेही बीईओ की होगी. एमआईएस प्रभारी चंदन कुमार ने बताया कि जिले के हर प्रखंडों में दो स्कूलों में आधार केंद्र बनाने के लिए स्थल का चयन किया गया है. वहां मुफ्त में आधार कार्ड का निर्माण कराया जाता है. इसके अलावा आधार कार्ड में त्रुटियों में भी सुधार करवाया जा सकता है.

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