बिहार BIHAR : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षाओं को पारदर्शी और फूलप्रूप बनाने के लिए आयोग अभ्यर्थियों का डेटा बेस तैयार करेगा। फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बदलाव का खाका भी तैयार है। आगे की परीक्षाओं में आवेदन करनेवाले सभी अभ्यर्थियों को इससे गुजरना होगा। डेटा बेस तैयार करने के दौरान अभ्यर्थियों के साथ पिता के नाम, अभ्यर्थी की जन्म तिथि, आधार नंबर और जाति की श्रेणी को इसमें रखा जाएगा। एक बार डेटा बेस तैयार होने के बाद जब अभ्यर्थी दोबारा किसी परीक्षा के लिए फॉर्म भरेंगे तो उन्हें पहले इस डेटा बेस को खोलना होगा। डिटेल पंजीकृत होने के बाद एक आईडी उपलब्ध होगी। जब भी अभ्यर्थी आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल होंगे, पहले इनका Data Base डेटा बेस ही खुलेगा। इसके बाद आयोग की ओर से निकाली गई रिक्तियों के लिए आवेदन करेंगे। पूर्व की परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का डेटा आयोग के पास पहले से उपलब्ध है। इसमें बदलाव करने वाले अभ्यर्थी तुरंत पकड़ में आ जाएंगे। वहीं जिन नए अभ्यर्थियों का डेटा बेस बनेगा वह दोबारा जब किसी परीक्षा के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें डेटा बेस के जरिए ही आवेदन करना होगा। आयोग के मुताबिक फजी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने से पहले ही पकड़े जाएंगे। तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में लगभग 60 से अधिक अभ्यर्थी आधार कार्ड में छेड़छाड़ और नाम बदलकर परीक्षा में शामिल हुए थे। सभी को इसी तकनीक का इस्तेमाल कर पकड़ा गया है।
क्या कहते हैं आयोग के अध्यक्ष? आयोग में सभी अभ्यर्थियों की Unique ID यूनिक आईडी बनेगी। आयोग में पंजीकृत अभ्यर्थी जैसे ही किसी परीक्षा के लिए आवेदन करेंगे, उनका डिटेल खुल जाएगा। उसी आधार पर उन्हें सिर्फ रिक्तियों के लिए आवेदन करना होगा। -रवि मनुभाई परमार, अध्यक्ष, बीपीएससी अबतक 70वीं के लिए छह विभागों से मिलीं रिक्तियां बीपीएससी 70वीं संयुक्त सिविल सेवा के लिए अब तक सिर्फ छह विभागों से सौ रिक्तियां प्राप्त हो सकी हैं। आयोग की ओर से विभिगों से रिक्तियां मांगी गई है। अब तक बीएमपी कंमाडेंट के लिए 12, परिवहन विभाग से पांच, ब्लॉक ऑफिसर के लिए 28, ब्लॉक ऑफिसर एससी व एसटी में पांच, ईख विभाग से एक सहित एक अन्य विभाग से रिक्तियां प्राप्त हुई हैं।