छपरा में गंगा नदी में नाव हादसा : कई लोगों के डूबने की आशंका
छपरा में गंगा नदी में नाव हादसा
छपरा: बिहार के छपरा में डोरीगंज थाना क्षेत्र के बलवान टोला घाट के आसपास तीन बालू नदी नाव के डूबने (Boat Accident In Chapra) की खबर है. इस घटना में लगभग आधा दर्जन लोगों के डूबने की आशंका जताई जा रही है. घटनास्थल पर अभी तक एसडीआरएफ की टीम पहुंची हुई है. जानकारी के अनुसार पटना के मनेर और सारण के डोरीगंज के बीच ये हादसा हुआ है. जिसके चलते पटना और सारण जिले के बीच सीमा विवाद में मामला उलझ गया. खबर ये भी है कि नाव डूबने के दौरान मजदूर और नाविक दूसरी नाव पर चढ़कर निकल गए. वहीं 6 अब भी लापता हैं.
डोरीगंज के पास हुआ हादसा: घटना डोरीगंज के पास गंगा और सरयू नदी के संगम पर छपरा-आरा वीर कुंवर सिंह सेतु के दाहिने साइड में हुई है. यह इलाका सारण जिले में ही आता है, लेकिन यह दियारा का इलाका है. सभी नाव मध्यम श्रेणी की नाव थी, जो बालू निकालने का काम कर रही थी और हवा के तेज थपेड़े के कारण सभी असंतुलित हो गई और एक-एक करके डूब गईं.
रेस्क्यू में जुटी एसडीआरएफ की टीम: सभी नाव अवैध रूप से बालू निकालने का काम कर रही थी. इस कारण भी स्थानीय लोग कुछ बोलने से बच रहे हैं. पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच चुके हैं. घटना के संबंध में डोरीगंज थाना प्रभारी बीके सिन्हा और सदर सीओ सतेंद्र सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिली है, लेकिन घटनास्थल का पता नहीं चल रहा है और एसडीआरएफ की टीम बुला ली गई है और खोजबीन जारी है.
तेज हवा के कारण हुआ हादसा: बताया ये भी जा रहा है कि दो नावें तेज हवा के कारण आपस में टकरा गईं जिसकी वजह से एक नाव डूब गई. नाव पर सवार मजदूर और नाविक भी डूब गए. एक नाव लालगंज खंदाचक की बताई जा रही है, जबकि दूसरी और तीसरी बालू नदी नाव के बारे में पता नहीं चला है. स्थानीय नाविकों का कहना है कि टक्कर के बाद डूबने वाली नाव से निकलकर कुछ लोगों को दूसरी नाव पर चढ़ते हुए देखा गया है.
कई लोगों के डूबने की आशंका: बता दें कि बालू खनन पर रोक के बावजूद बालू माफिया ओवरलोडेड नाव लेकर गंगा में परिवहन करते हैं. इससे अक्सर गंगा नदी में नाव हादसा होता रहता है. गंगा और सोन के दियारा में भोजपुर, सारण और पटना जिले के बालू तस्कर नावों के जरिए अवैध बालू खोदकर नाव से ही दूसरी जगह लेकर बेचने के लिए जाते हैं. प्रशासनिक टीम कभी कभी कार्रवाई भी करती है. पिछले दिनों पटना में एक नाव पर सिलेंडर ब्लास्ट में चार से ज्यादा मजदूर जिंदा जल गए थे. बावजूद इसके प्रशासन इन बालू तस्करों को रोकने में नाकाम दिख रहा है.