पटना न्यूज: बिहार में लागू नई शिक्षक नियुक्ति के विरोध में उतरे शिक्षक संगठनों के लोगों ने सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस बीच, भाजपा के नेताओं ने शिक्षक संगठनों के नेताओं को आश्वासन दिया कि भाजपा उनके साथ है। शिक्षक संगठनों के नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार हड़बड़ी में शिक्षक नियुक्ति नियमावली लाई है, जिसमे कई गड़बड़ियां हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को राज्य कर्मियों का दर्जा दिलाने के लिए जुलाई महीने में राजभवन मार्च करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ बिहार की सरकार ने छलावा किया है बिहार के शिक्षक अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। जिस राज्य के शिक्षकों के साथ इस प्रकार का व्यवहार होगा वहां के शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। उन्होंने शिक्षक संगठन से कहा कि कहा कि पूरी मुस्तैदी के साथ हम आप की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक पहले ही दो से तीन परीक्षा देकर 10 से ज्यादा वर्षों से नौकरी कर रहे हों, उसे फिर से एक और परीक्षा देने के लिए कहा जाना, कैसे न्यायसंगत ठहराया जा सकता है। चौधरी ने कहा कि जब बिहार में एनडीए सरकार थी तब ही शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया जा चुका था, लेकिन सरकार बदलते ही शिक्षकों को बरगलाने के लिए नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली सरकार ले आई।
इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार नियमावली को सुधारे। उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को सम्मान करते हुए नियमावली बनाई जाए जिससे शिक्षकों का भी मनोबल बढ़े और शैक्षणिक वातावरण तैयार हो। उन्होंने कहा कि बिहार में अगर भाजपा की सरकार बनाती है तो यूपी और गुजरात का शिक्षा मॉडल लागू होगा। शिक्षक नेता विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शिक्षकों के मांगों को लेकर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी, शिक्षकों को निराश नहीं होने देगी।