वीमेंस कॉलेज में जैव सांख्यिकी की पढ़ाई इसी सत्र से होगी शुरू
जैव सांख्यिकी
नालंदा: पटना वीमेंस कॉलेज में इसी सत्र से जैवसांख्यिकी की पढ़ाई होगी. सांख्यिकी विभाग की ओर से एड ऑन सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में शामिल होगा. जीव विज्ञान, गणित व सांख्यिकी में जिनकी दिलचस्पी है. जीव विज्ञान के क्षेत्र में भी कुछ अलग करने की चाहत है तो, वे इसमें नामांकन ले सकती हैं.
इसमें जैविक डाटा जुटाने में सांख्यिकी के प्रयोग के बारे में बताया जाएगा. 30 घंटे यानी एक माह के इस क्रेडिट आधारित सर्टिफिकेट कोर्स को पूरा करने के बाद छात्राओं को विभाग की आरे से एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा. कोर्स को पूरा करने पर अंतिम परिणाम में तीन क्रेडिट जुड़ेंगे. घंटे पर एक क्रेडिट निर्धारित है.
किसी भी ऑनर्स प्रोग्राम की छात्राएं ले सकती हैं दाखिला : इसमें ऑनर्स विषय की कोई बाध्यता नहीं है. सत्र 2024 में स्नातक के किसी भी प्रोग्राम में नामांकन लेने वाली छात्राएं इसमें नामांकन ले सकती हैं. प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं को एड ऑन कोर्स में दाखिला मिलेगा.
एड ऑन कोर्स के फायदे: एड ऑन कोर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि छात्राओं के पास अपने मूल विषय के अलावे अन्य विषय पर भी पकड़ बनाने का मौका मिलता है.
यह छात्राओं के लिए विकल्प के रूप में भी बेहतर होता है. भविष्य में छात्राएं इससे खुद का भी काम शुरू कर सकती हैं.
क्या है कोर्स , कहां-कहां मिलेंगे छात्रों को मौके
सांख्यिकी की ऐसी शाखा जो जीवित जीवों से संबंधित डेटा जुटाता है. सांख्यिकीय विधियों का उपयोग करके जैविक या स्वास्थ्य डेटा एकत्र कर विश्लेषण किया जाता है. बायोस्टैटिस्टिक्स का उपयोग कैंसर के संभावित कारणों का पता लगाने में भी होता है. प्राइमरी डेटा भी तैयार किया जाता है. अस्पतालों और अनुसंधान विभागों में जैव सांख्यिकीय प्रोग्रामर, एसएएस प्रोग्रामर, सलाहकार और अनुसंधान सहयोगी समेत अन्य क्षेत्र में संभावनाएं हैं.
कॉलेज में एलईडी बल्ब का उत्पादन इकाई स्थापित
कॉलेज में ‘इनाया’ स्टार्टअप के तहत एलईडी बल्ब के उत्पादन के लिए को उत्पादन इकाई स्थापित हुई. प्राचार्या डॉ सिस्टर एम रश्मि के प्रयास से कॉलेज में पहली बार स्टार्टअप की शुरुआत हुई है. अब तक छात्राएं विभाग में ही बल्ब का नमूना तैयार कर रही थी. अब बड़ी संख्या में कच्ची सामग्री उपलब्ध कराने के साथ ही सेटअप भी उपलब्ध करा दिया गया है.
इकाई में पंचिंग मशीन, फिटिंग मशीन, सोल्डर, कटर, हीट सिंक कंपाउंड समेत अन्य सामग्री है.
गणित विभाग के डॉ. रवि कुमार को प्रभारी बनाया गया है.
ये पाठ्यक्रम भी हो रहे शुरू
1.चार वर्षीय फैशन डिजाइनिंग
2.डेटा विज्ञान
3.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग (इन सभी पाठॺक्रमों में नामांकन के लिए आवेदन शुरू है)