बिहारी लड़का लाया फ्रांसीसी दुल्हन, खाने की प्लेट छोड़ लड़की देखने पहुंचे बाराती
प्यार वो एहसास है जो भाषा, धर्म और सरहद की परवाह भी नहीं करता है. कई बार अचानक हुई जान पहचान, दिल के रिश्ते तक पहुंच जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्यार वो एहसास है जो भाषा, धर्म और सरहद की परवाह भी नहीं करता है. कई बार अचानक हुई जान पहचान, दिल के रिश्ते तक पहुंच जाती है. पहली नजर का प्यार शायद इसे ही कहते है. ऐसा ही एक मामला बिहार (Bihar) के बेगुसराय (Begusarai) जिले में सामने आया जहां एक फ्रांसीसी दुल्हन (French Bride) को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
फ्रांसीसी दुल्हन और बिहारी दूल्हा
फ्रांस की राजधानी पेरिस (Paris) में रहने वाली मैरी लोरी हेरल ने हिंदुस्तान में अपने प्रेमी के गांव कठरिया पहुंच कर शादी रचाई है. बीते रविवार को हुई शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड होने के बाद गांव में सनातन हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुई ये शादी की खबर वायरल हो रही है.
दुल्हन देखने की होड़
लोकमत में प्रकाशित खबर के मुताबिक कटहरिया निवासी रामचंद्र साह के पुत्र राकेश कुमार की होने वाली बहू जब गांव की गलियों में अपने परिवार के साथ पहुंची तो दूर दूर से लोगों को तांता जुटने लगा. विदेशी दुल्हन को देखने के लिए गांव वालों में जमकर उत्साह दिखा. फेरों के दौरान हाल ये था कि लोग खाना खाने के बजाए देशी लड़के और विदेशी दुल्हन को देखने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे थे.
दिल्ली में हुई मुलाकात
राकेश की दुल्हन का पेरिस में खुद का कारोबार है. इसलिए उनके काम पर असर न पड़े इसलिए अगले हफ्ते दूल्हा और दुल्हन विदेश लौट जाएंगे. इसलिए बारात में किसी वजह से नहीं पहुंच सके लोग भी लगातार दूल्हे के घर पर बधाई देने आ रहे हैं. दूल्हे राकेश के पिता ने बताया कि उनका बेटा दिल्ली में रहकर टूरिस्ट गाइड का काम करता था. इस सिलसिले में अक्सर उसे पूरे हिंदुस्तान का चक्कर लगाना पड़ता था.
पेरिस में हुआ प्यार
इसी दौरान राकेश की मुलाकात उनकी बहू से हुई. दोस्ती प्यार में बदली तो तीन साल पहले राकेश भी पेरिस चला गया. वहां पर वो मैरी के गारमेंट बिजनेस में हाथ बंटाते हुए करने लगा. इसकी जानकारी जब मैरी के परिजनों को लगी तो दोनों की शादी के लिए परिजन राजी हो गये.
इंडिया में इसलिए हुई शादी
लड़के के पिता ने ये भी बताया कि उनकी बहू को भारत की परंपरा से इतना प्यार था कि उसने हिंदुस्तान आकर शादी करने का फैसला किया. बहू के मनमुताबिक भारतीय सनातन परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों की शादी संपन्न हुई.