Bihar बिहार: कहते हैं जब तक भगवान का बुलावा नहीं आता उसकी मौत नहीं हो सकती। वह हर स्थिति परिस्थिति से लड़कर जिंदगी की जंग जीत जाती है। यह कहानी उस एक महिला की है जो तैरना नहीं जानती थी। इसके बावजूद भी 97 किलोमीटर तक गंगा नदी के तेज बहाव के बीच घंटा बहती रही और किसी तरह ऊपर वाले ने उसकी जान बचा ली। यह कहानी है वैशाली की रहने वाली प्रमिला देवी की। वह अपने पति के साथ शुक्रवार को सोनपुर स्थित गंगा घाट पर नवरात्रि के अवसर पर नहाने गईं थीं। इसी दौरान यह हादसा हुआ।
दोनों पति-पत्नी गंगा नदी में बह गए
बताया जाता है कि पति पत्नी दोनों गंगा नदी में नहाने उतरे और तेज बहाव के बीच दोनों पति-पत्नी गंगा नदी में बह गए। पति का अभी तक गंगा नदी में कोई सुराग नहीं मिला है जबकि प्रमिला देवी गंगा नदी में तेज बहाव के बीच बहते हुए मोकामा के एक घाट पहुंची। तब नाविकों के मदद से उसे सुरक्षित गंगा नदी से बचकर बाहर निकल गया। प्रमिला देवी ने बातचीत के क्रम में बताया कि वह तैरना नहीं जानती थी। आसपास के लोग जब प्रमिला देवी की इस हादसे की पूरी जानकारी ली तो आसपास के लोग अपने दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गए।
महिला गंगा नदी की बीच धारा में बहती जा रही थी
प्रमिला देवी ने बताया कि गंगा नदी में किसी तैरती हुई चीज का सहारा लेकर वह पानी में बहते बहते हाजीपुर के सोनपुर घाट से 97 किलोमीटर दूर मोकामा थाना के मेकरा गांव पहुंची है। वहां सोनू पहलवान किसी महिला की बचाओ-बचाओ की आवाज सुनी। वह कुछ लोगों को आवाज देते हुए गंगा नदी की तेज धारा में नाव लेकर निकल पड़ते हैं। उनके साथ गांव के ही दो चार युवक महिला की मदद के लिए आए। सोनू पहलवान ने बताया कि महिला गंगा नदी की बीच धारा में बहती जा रही थी। वह बचाने की गुहार लगाकर अचेत हो गई थी। उन्हें समझते देर नहीं लगी कि कोई महिला पानी की तेज धार में डूब रही है। सोनू पहलवान कुछ लोगों की मदद से नाव लेकर महिला को बचाने निकल पड़ते हैं। तब तक महिला गंगा नदी में बहकर दो-तीन किलोमीटर दूर जा चुकी थी। महिला को किसी तरह गंगा नदी की तेज धारा से खींचकर नाव में चढ़ा लिया जाता है। महिला का हाथ पैर पूरी तरह से अकड़ गया था| महिला को नदी से बाहर निकाल लिया जाता है। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना प्रमिला देवी के परिजनों को दी। बताया जा रहा है कि मोकामा गांव के आसपास के लोगों ने काफी मेहनत कर प्रमिला देवी की जान बचा ली।