बिहार : दक्षिण से लेकर उत्तर तक धर्म विरोधी बयान क्यों? क्या 2024 में विपक्ष को इससे होगा फायदा
आस्था पर सवाल सिर्फ दक्षिणी राज्यों से नहीं उठाए जा रहे. बिहार से भी कुछ ऐसी ही आवाज बुलंद हो रही है. बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर रामचरित मानस का अपमान किया है. उनके बयान पर फिर विवादों का बवंडर खड़ा हो गया है? अब सवाल है कि दक्षिण से लेकर उत्तर तक धर्म विरोधी बयान क्यों दिए जा रहे हैं? इन बयानों के पीछे की सियासी केमिस्ट्री क्या है? बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर एक बार फिर रामचरित मानस का अपमान कर रहे हैं. चंद्रशेखर उस श्रेष्ठतम महाकाव्य को पोटेशियम साइनाइड बता रहे हैं जो सनातन धर्म को मानने वालों के अराध्य प्रभु राम की पावन कथा है. हैरानी होती है खुद को प्रोफेसर कहने वाले मंत्री जी को रामचरित मानस में मानवता की वो कल्पना नजर नहीं आती. जिसमें उदारता, त्याग, क्षमा और धैर्य के गुणों को भगवान राम के जीवन के जरिए चित्रित किया गया है. उनके लिए राम चरित मानस जहर से कम नहीं है.
सनातन के खिलाफ जहरीले बयानों की बाढ़
वैसे बिहार के शिक्षा मंत्री को रामचरित मानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड नाम के जहर से करने की हिम्मत उस वक्त आई है, जब सनातन के खिलाफ जहरीले बयानों की बाढ़ सी आई है. तमिलनाडु से डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने इसकी शुरुआत की थी. इसके बाद ए राजा सहित दूसरे नेता भी इस संबंध में बयान दे चुके. अब बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस का अपमान कर सनातन धर्म पर सवाल उठाए हैं. वैसे प्रोफेसर चंद्रशेखर पहले भी रामचरित मानस पर अपने बयानों के जरिए विवाद में आ चुके हैं.
करोड़ों लोगों की भावना से खिलवाड़ क्यों?
आपका मत है, आपके विचार हैं...अच्छी बात है, लेकिन दूसरे करोड़ों लोगों की मान्यताओं का क्या? एक चुने हुए नुमाइंदे होने के बावजूद मंत्री जी क्यों करोड़ों लोगों की भावना से खिलवाड़ कर रहे हैं. बार-बार चंद्रशेखर के बयानों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी चंद्रशेखर को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की मांग पहले से करती रही है. उनका कहना है कि पूरी दुनिया के लिए मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम हैं, लेकिन इनके लिए कोई और.
यह भी पढ़ें : 2024 Election: गया के लोकसभा व विधानसभा चुनाव का लेखा जोखा, NDA Vs INDIA? क्या कहते हैं आंकड़े
सनातन और धर्म पर सवाल उठाने वाले कौन?
प्रोफेसर चंद्रशेखर बिहार सरकार में आरजेडी के कोटे से मंत्री हैं. उन्हें टीम तेजस्वी का अहम सदस्य माना जाता है. बताया जाता है कि बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने पहले भी उन्हें विवादित बयानों से बचने की सलाह दी थी, लेकिन मंत्री जी का जुबान पर कंट्रोल नहीं है. बिहार सरकार की तरफ से कुछ इस अंदाज में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश हो रही है. वैसे आरजेडी से सनातन और धर्म पर सवाल उठाने वाले चंद्रशेखर अकेले नेता नहीं हैं. कुछ दिन पहले आरजेडी नेता जगदानंद सिंह ने भी विवादित बयान दिया था. कुल मिलाकर बिहार में भी सनातन विरोध की सियासत जोर पकड़ती नजर आ रही है. विपक्ष के कुछ नेता जाति के चश्मे से..धार्मिक ग्रंथों की विवेचना कर विवाद पैदा कर रहे हैं, लेकिन सवाल है कि क्या इस तरह की सियासत से 2024 में विपक्ष को फायदा होगा?