नेपाल में बारिश से बिहार परेशान, अगले 5 दिनों के लिए अलर्ट जारी

Update: 2023-07-14 06:58 GMT
बिहार में कमजोर मानसून के बीच पिछले कुछ दिनों से समस्तीपुर, गोपालगंज में भारी बारिश हो रही है. प्रदेश के कई जिलों में मानसून सक्रिय बना हुआ है, जिसके चलते भारी बारिश देखने को मिल रही है. मौसम विभाग ने आज 7 जिलों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. इनमें किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में भारी बारिश को लेकर के ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है, जबकि सुपौल, अररिया, पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया. हालांकि बिहार में एक बार फिर से मॉनसून कमजोर हो रहा है, मौसम विभाग की मानें तो 15 जुलाई से 20 जुलाई तक मानसून कमजोर रहेगा, इन 5 दिनों में कम बारिश होगी. गुरुवार को पटना समेत राज्य के कई जिलों में बादल छाये रहे. हालांकि उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान किया, लेकिन 20 शहरों के अधिकतम तापमान में हल्की गिरावट आयी है.
बिहार में 15 से 20 जुलाई तक के लिए अलर्ट
आपको बता दें कि 15 से 20 जुलाई तक बिहार में मानसून कमजोर रहेगा, इस दौरान कुछ जगहों पर हल्की बारिश होगी तो कुछ जगहों पर तेज धूप निकलेगी. मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार से बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी की ऊंचाई कम होने की उम्मीद है.
 नेपाल में बारिश, बिहार में परेशानी
नेपाल और प्रखंड क्षेत्र में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण पूर्णिया के बायसी अनुमंडल क्षेत्र से गुजरने वाली महानंदा, परमान और कनकई नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है. साथ ही राहत की बात यह है कि सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं, जिस तरह से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जल्द ही सभी नदियां खतरे के निशान को पार कर जाएंगी.
इसके साथ ही बता दें कि पूर्णिया के बायसी अनुमंडल क्षेत्र से गुजरने वाली महानंदा नदी डंगराहा घाट पर अपने खतरे के निशान 35.65 मीटर से महज 45 सेमी नीचे बह रही है. गुरुवार की सुबह नदी का जलस्तर 35.20 मीटर था. पिछले 24 घंटे में नदी का जलस्तर 53 सेमी बढ़ गया है. कनकई नदी का जलस्तर खतरे के निशान 46.94 मीटर से महज 24 सेमी नीचे है. बता दें कि कनकई नदी का जलस्तर भी पिछले 24 घंटे में 70 सेंटीमीटर बढ़ा है. परमान नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर अपने खतरे के निशान 47 मीटर से 42 सेंटीमीटर कम है. परमान नदी का जलस्तर 46.58 मीटर रहा है. नदियों के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण कई इलाकों में कटाव तेज हो गया है.
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