बिहार : लोन चुकाने के लिए पिता ने बेटी की करा दी अधेड़ से शादी, मना करती रही नाबालिग

Update: 2023-08-23 10:23 GMT
एक तरफ जहां बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार व बिहार सरकार ने कई योजनाएं बनाई है. इतना ही नहीं इन योजनाओं पर अरबों रुपए खर्च कर रहे हैं, लेकिन इसका नतीजा जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं दिख रहा. ऐसा ही एक मामला भागलपुर से प्रकाश में आया है. जहां पैसे चुकाने के लिए पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी अधेड़ उम्र के व्यक्ति से कर दी. नाबालिग कहती रही कि मुझे पढ़ना है, मुझे इंसाफ दिलाओ, वरना मैं अपनी जान दे दूंगी. 16 वर्षीय नाबालिग का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह साफ तौर पर कहती नजर आ रही है कि जबरन मेरे पिता ने लोन चुकाने के लिए मेरी शादी की है.
 लोन चुकाने के लिए अधेड़ से कराई बेटी की शादी
इसके साथ ही नाबालिग कहती नजर आ रही है कि मेरी उम्र 16 वर्ष हो रही है और मेरे पति की 52 वर्ष. मैं जहां एक तरफ शादी भी नहीं करना चाहती थी. वहीं, दूसरी ओर इस तरह उम्र का फर्क और प्रताड़ना गाली गलौज मेरे से सहन नहीं होगा, अब मैं जिंदा नहीं रहना चाहती. बता दें कि नाबालिग झारखंड के गोड्डा के पथरगामा की रहने वाली है. उसकी शादी महज कुछ ही दिन हुए हैं.
पिस्तौल दिखाकर बनाता है शारीरिक संबंध
वहीं, शादी के बाद पिस्तौल का डर दिखाकर जबरन नाबालिग से शारीरिक संबंध भी बनाया जा रहा था. एक दिन मौका देखकर नाबालिग ससुराल से भाग निकली और अपनी बड़ी बहन के पास चली गई, जो भागलपुर में रहती है. वह झारखंड के गोड्डा जिले की रहने वाली है. भागलपुर में वह अपनी बहन के यहां रह रही है. वह अपने पति की शिकायत करने के लिए महिला थाना पहुंची, लेकिन महिला पुलिस ने उसकी मदद करने की जगह उसे वहां से भी भगा दिया. जिसके बाद नाबालिग इसाकचक थाने गई, लेकिन वहां भी उसकी गुहार किसी ने नहीं सुनी. अंत में वह डीआईजी ऑफिस पहुंची, लेकिन वहां भी इसका आवेदन स्वीकार नहीं हुआ.
16 साल की नाबालिग से 52 साल के अधेड़ ने रचाई शादी
थक हारकर नाबालिग ने मदद के लिए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. वह डर के साये में जी रही है कि कभी भी उसका पति आकर उसे यहां से ले जाएगा. वह उसके साथ जाना नहीं चाहती, वह पढ़ना चाहती है. पीड़िता इसके लिए पुलिस प्रशासन से भी मदद की गुहार लगा चुकी है, लेकिन कानूनी सुरक्षा की जगह पुलिस भी मामले से पल्ला झाड़ती दिख रही है. पुलिस दूसरे राज्य का मामला बताकर पीड़िता को महिला थाने से भगा दिया गया, जबकि यहां की पुलिस झारखंड की स्थानीय पुलिस से संपर्क कर जीरो एफआईआर दर्ज कर उसे कार्रवाई के लिए भेज सकती थी.
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