बिहार : नवजात बच्ची को मां ने कूड़े के ढेर में फेंका, गार्ड ने बचाई जान

Update: 2023-08-16 09:25 GMT
कहते हैं ना 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय' कुछ ऐसा ही प. चम्पारण के नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में देखने को मिला. जहां एक मां ने अपने नवजात एक दिन की बच्ची को अस्पताल परिसर के कचरे में फेंक दिया और ममता को कलंकित कर दिया. वहीं, बच्ची के रोने की आवाज सुन अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात नाईट गार्ड को सुनाई दी. उसने कूड़े के ढेर में जाकर देखा तो उसे कचरे में नवजात बच्ची फेंकी हुई मिली. जिसके बाद गार्ड ने बच्ची को कचरे से निकाला और अस्पताल में लाया. जहां ड्यूटी कर रहे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी ने पहले बच्ची को साफ किया और फिर उसका इलाज किया गया. फिलहाल नवजात बच्ची खतरे से बाहर और स्वस्थ है.
 बिहार : नवजात बच्ची को मां ने कूड़े के ढेर में फेंका, गार्ड ने बचाई जान

नवजात बच्ची को कूड़े के ढेर में फेंका
बता दें कि बेतिया के नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल परिसर में एक नवजात शिशु लावारिस हालत में बुधवार सुबह मिली. जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. अस्पताल प्रशासन नवजात शिशु के इलाज में जुट गई. नवजात शिशु एक दिन की बताई जा रही है, उसका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि बुधवार की अहले सुबह अनुमंडलीय अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड के पीछे जलजमाव के बीच बच्ची की रोने की आवाज आ रही थी. नाइट गार्ड में तैनात प्रदीप गिरी ने आवाज सुना और जलजमाव वाले पानी मे घुसकर लावारिस हालत में फेंकी गई नवजात बच्ची को निकाला.
नाइट गार्ड ने बचाई नवजात की जान
बच्ची के जीवित होने पर उसने इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी. इस संबंध मे नाइट गार्ड प्रदीप कुमार ने बताया कि बच्ची फिलहाल सुरक्षित है, उसका इलाज चल रहा है. साथ ही उसने यह भी बताया कि बच्ची को कोई ऊंची इमारत से फेंक दिया गया था, जिसपर बच्ची के रोने की आवाज सुन उसे बाहर निकाला गया. यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि जहां एक तरफ भारत सरकार बेटी बचाओ बेटी पढाओ, कन्या सुरक्षा जैसे कई महत्वकांक्षी योजना चला रही है. ताकी देश मे लिंगानुपात सही हो सके, लेकिन हमारे समाज में आज भी कुछ गंदी मानसिकता वाले लोग हैं, जो अपने ही द्वारा ममता को कलकिंत कर बच्ची के जन्म पर उसे कूड़े के ढेर में मरने के लिए फेंक देते हैं.
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