बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा है. नदियां उफान पर हैं और गांवों को निगलना शुरू कर दिया है. अब तक सैंकड़ों घरों ने जलसमाधि ले ली है और कई कतार में हैं. बिहार में बरस रही आसमानी आफत ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. नदियों का रौद्र पूर लोगों को डराने लगा है. गावों ने जलसमाधि ले ली है. आशियाने जलमग्न हो गए हैं. खगड़िया में बारिश से हाहाकार मचा है. जिले के बेलदौर प्रखंड के गांधी नगर में कटाव की रफ्तार डराने लगी है. अब तक चालीस से ज्यादा घर कोसी नदी में समा गए हैं. इस बीच गांधी नगर में स्थित प्राथमिक विद्यालय भी ताश के पत्तों की तरह नदी में समा गया. कटाव क्षेत्र में आने की वजह से इस स्कूल को पहले ही बंद कर दिया गया था. स्थानीय लोगों की माने तो इस प्रखंड में भूमि कटाव सालों से जारी है. गांव में अब तक कई परिवार बेघर हो चुके हैं. क्योंकि घरों को नदी ने निगल लिया है.
वाल्मीकि नगर बैराज से छोड़ा पानी
गोपालगंज में भी बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं. वाल्मीकि नगर बैराज से तकरीबन ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से गोपालगंज में गंडक नदी उफान पर है. नदी तटबंध के किनारे बसे लोग धीरे-धीरे ऊंचे स्थान पर जाकर रहने को मजबूर हो गए हैं. वहीं, जिला मुख्यालय से तकरीबन 5 किलोमीटर दूर जगरी टोला में बाढ़ का पानी आने लगा है. गांव के सरकारी स्कूल के चारो ओर नदी का पानी आ चुका है. लोग पलायन करने की तैयारी करने में लगे हैं.
उफान पर गंगा
गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते मुंगेर में भी गंगा उफान पर है. जिससे तटवर्ती क्षेत्र में पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि अभी भी गंगा खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन जलस्तर बढने की रफ्तार को देख कहना मुश्किल नहीं कि जल्द गंगा खतरे की निशान को पार जाएगा. कटिहार की तो यहां भी हालात वही है. मनिहारी के गंगा नदी अब उफान पर है और निचले इलाके में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं. ऐसे में लोग अब पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. अस्थाई दुकानदारों के लिए तो मुसीबत और बढ़ गई है. एक तो बाढ़ का संकट ऊपर से रोजगार पर आफत. इतना ही नहीं श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करवाने के लिए आने वाले लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. क्योंकि श्मशान घाट पर पानी भर आया है. लोगों को शासन-प्रशासन से मदद की आस है. बिहार के ज्यादातर जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में लोग शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.