बिहार : पप्पू यादव का विवादित बयान, भारत से अच्छा पकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट, जानें वजह

Update: 2023-08-01 09:03 GMT
बिहार का सियासी गलियारा इस वक्त गर्म है, आए दिन बिहार के राजनेता कुछ न कुछ बयान देते नजर आते हैं. अब पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष राजेश रंजन यादव उर्फ ​​पप्पू यादव ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया है. दानापुर के बिहटा में पप्पू यादव ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ की गई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ''उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा नहीं है. कोर्ट और सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्होंने यहां तक यह भी कह दिया कि इंडिया के सुप्रीम कोर्ट से अच्छा पकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट है. इसके साथ ही आगे उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी का देश में कोई औचित्य नहीं है.'' अब इस बयान से बिहार में हड़कंप मच गया है.
आपको बता दें कि पप्पू यादव ने साफ कहा है कि, ''सीबीआई सिर्फ लालू यादव के परिवार के पीछे नहीं है, सीबीआई भारत के हर उस व्यक्ति के पीछे है जो संविधान और लोकतंत्र को बचाना चाहता है. साथ ही जो इस देश की महंगाई को खत्म करना चाहता है, जो देश में रोजगार चाहता है और किसानों की बेहतरी की बात चाहता है. सीबीआई उनके पीछे है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार ने सबसे बड़े भ्रष्टाचारी और बलात्कारी के साथ समझौता कर लिया है. मणिपुर की घटना के बाद इस सरकार को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.''
 इसके साथ ही आपको बता दें कि, इससे पहले अनुसूचित जनजाति एवं कल्याण विभाग के मंत्री रत्नेश सादा ने मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के बैगना में एक निजी कार्यक्रम में बीजेपी पर हमला बोला था. राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर ED की कार्रवाई को लेकर कहा कि, ''जब भी हम सब एकजुट होते हैं तो बीजेपी हमें परेशान करना शुरू कर देती है पर उन लोगों को बताना चाहते हैं कि, लालू जी हमारे महागठबंधन के नेता हैं, उन्हें कुछ नहीं होगा, वे डरने वाले नहीं हैं.''
इसके साथ ही आगे उन्होंने कहा कि, ''रत्नेश सदा उस बात का हवाला दे रहे थे, जिसमें लालू प्रसाद यादव के परिवार की छह करोड़ से अधिक की संपत्ति ईडी ने अटैच की है. इसके साथ ही रत्नेश सादा ने मणिपुर हिंसा को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोला है.'' साथ ही उन्होंने कहा कि, ''बीजेपी सीएम नीतीश से इस्तीफा मांग रही है, लेकिन मणिपुर हिंसा को लेकर पहले बीजेपी के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
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