बिहार: अब मोतियाबिंद शिविर आयोजित करने के लिए अनुमति जरुरी, निरीक्षण करने जाएगी तीन सदस्यीय टीम
अब मनमाने तरीके से मोतियाबिंद शिविर चलाने के दिन लद गये हैं। अब किसी संस्था या व्यक्ति को मोतियाबिंद के इलाज के लिए शिविर लगाने से पहले स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेनी होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अब मनमाने तरीके से मोतियाबिंद शिविर चलाने के दिन लद गये हैं। अब किसी संस्था या व्यक्ति को मोतियाबिंद के इलाज के लिए शिविर लगाने से पहले स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेनी होगी। अनुमति के बाद आयोजन स्थल व उसके ऑपरेशन स्थल व मशीनों का भौतिक सत्यापन होगा। सब कुछ मानकों पर खरा उतरा तो ही आयोजकों को मोतियाबिंद शिविर आयोजित करने की अनुमति मिलेगी।
मुजफ्फरपुर में ट्रस्ट द्वारा संचालित एक अस्पताल द्वारा 22 नवंबर को आयोजित शिविर में मोतियाबिंद की सर्जरी कराने वाले मरीजों में से 26 की आंखों की रोशनी चली गयी थी। इसी घटना को केंद्र सरकार ने संज्ञान में लिया और बिहार सरकार को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि शिविर आयोजित करने से पहले संस्था के मशीनों-उपकरण व व्यवस्था आदि की जांच करें ताकि इस तरह की घटना पुन: न हो। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सूबे के सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आदेश दिया है कि अब किसी भी जिले में शिविर स्थल व ऑपरेशन से जुड़े उपकरणों की जांच किए बगैर मोतियाबिंद शिविर का आयोजन न करें।
15 दिन पहले गठित हुई जिले में तीन सदस्यीय टीम
सिविल सर्जन भागलपुर डॉ. उमेश शर्मा ने इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए जिले में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया। इसमें एसीएमओ भागलपुर डॉ. अंजना कुमारी, संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ व गैर संचारी पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार मनस्वी को रखा गया है। नये नियमों के अनुसार मोतियाबिंद शिविर व इसके ऑपरेशन थिएटर को डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंटर फॉर आई डिजीज के एसओपी (स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसिजर) के मानकों पर खरा उतरना होगा।
आयोजक को सिविल सर्जन को आवेदन देना होगा। इसके बाद तीन सदस्यीय टीम आयोजन स्थल का भौतिक निरीक्षण-परीक्षण करेगी। टीम ये जानेगी कि शिविर शुरू करने से पहले ऑपरेशन थिएटर विसंक्रमित किया गया है कि नहीं। साथ ही वहां पर स्टरलाइजेशन मशीन, ऑपरेशन से पहले व ऑपरेशन के बाद होने वाली जांच आदि की व्यवस्था है कि नहीं। अगर ये सब मानकों पर खरा नहीं उतरा तो शिविर का आयोजन नहीं करने दिया जाएगा।
जिले में अब तक छह संस्थाओं ने दिया है आवेदन
टीम के सदस्य डॉ. पंकज कुमार मनस्वी ने बताया कि मोतियाबिंद शिविर आयोजित करने के लिए अब तक जिले की छह संस्थाओं ने आवेदन दिया है। इनमें से शहर के मोती मातृ सेवा सदन, लायंस क्लब फेमिना व लायंस क्लब भागलपुर द्वारा आयोजित किये जाने वाले मोतियाबिंद शिविर स्थल का टीम ने भौतिक परीक्षण कर लिया है। इसके अलावा बांका की एक संस्था ने शिविर के लिए आवेदन दिया था, जो कि जांच में फेल हो गया। इसके अलावा गुरुवार को तिलकामांझी स्थित हरिसखा केंद्र का निरीक्षण तीन सदस्यीय टीम करेगी।
बिना अनुमति शिविर लगा तो कार्रवाई होगी
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि अगर किसी संस्था-व्यक्ति ने बिना अनुमति मोतियाबिंद शिविर का आयोजन करता है तो उसे न केवल दो हजार रुपये प्रति मोतियाबिंद सर्जरी की दर से दिया जाने वाला अनुदान नहीं मिलेगा, बल्कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।