बिहार : दरभंगा एम्स पर जारी है सियासत, क्या है सरकारों की नीयत

Update: 2023-08-20 09:25 GMT
दरभंगा एम्स का मामला अब राजभवन पहुंच चुका है. दरभंगा से बीजेपी सांसद गोपालजी ठाकुर के नेतृत्व में मिथिलांचल के विधायक और जनप्रतिनिधियों के साथ आज राज्यपाल से मुलाकात कर दरभंगा एम्स का मामला उठाया. बीजेपी नेताओं के राज्यपाल से मुलाकात पर अब राजनीति शुरू हो गई है. बिहार में अभी सिर्फ एक ही AIIMS है. दूसरे एम्स की डिमांड लंबे समय से हो रही है, लेकिन दूसरा एम्स केंद्र और राज्य सरकार के बीच सियासत की भेंट चढ़ता दिख रहा है. जमीनी हकीकत ये है कि दरभंगा में प्रस्तावित दूसरा एम्स केंद्र और बिहार सरकार के बीच विवाद में फंस गया है. दरभंगा में एम्स को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है. इस बहस की शुरुआत प्रधानमंत्री के दिए एक बयान के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दरभंगा में एम्स खोल दिया गया है.
दरभंगा एम्स पर बीजेपी-जेडीयू आमने-सामने
दरभंगा एम्स का मामला दिन ब दिन उलझता जा रहा है. बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने है. इसको लेकर बीजेपी के नेताओं ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की. बीजेपी सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार भूमि का निर्धारण करें. प्रधानमंत्री इसका शिलान्यास करने आएं. वहीं, बीजेपी के आरोपों पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्माण के लिए जमीन की मंजूरी दे दी. लेकिन इसके बावजूद अभी तक काम शुरू नहीं हुआ. इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र वहां एम्स बनाना ही नहीं चाहता.
 केंद्र और राज्य सरकार के बीच फंसा पेंच
दरअसल, दरभंगा AIIMS की जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पेंच फंसा हुआ है. जिस वजह से पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के बीच पत्राचार भी हुआ था. पहले निर्माण डीएमसीएच कैंपस में ही होना था, लेकिन फिर राज्य सरकार की ओर से दरभंगा के शोभन बायपास के पास 151 एकड़ जमीन एम्स निर्माण के लिए आवंटित की गई. बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने जांच के बाद कहा कि जमीन नो मैंस लैंड है, उस जमीन पर निर्माण कार्य नहीं हो सकता.
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