थावे को विंध्याचल मंदिर की तर्ज पर विकसित करेगा बिहार सरकार, खर्च होंगे 200 करोड़ रुपए

मंदिर और उसके आसपास का इलाका पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

Update: 2022-04-17 04:42 GMT

बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ में शामिल गोपालगंज के थावे मंदिर का स्वरूप बदलने की तैयारी चल रही है. इसके लिए बिहार सरकार का पर्यटन विभाग जोर शोर से जुटा है. पर्यटन विभाग के निर्देश पर थावे मंदिर को दिव्य और भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से डीपीआर तैयार कर लिया गया है. पर्यटन विभाग ने इसके निर्माण के लिए दो सौ करोड़ तक खर्च करने की तैयारी की है.

थावे मंदिर बिहार के प्रमुख शक्तिपीठों में से है. इसके कारण इसे राज्य सरकार प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी है. गोपालगंज जिला प्रशासन ने मंदिर का डीपीआर तैयार कराकर मंजूरी के लिए पर्यटन विभाग को भेजा है. पर्यटन विभाग के मंत्री नारायण प्रसाद और सचिव संतोष कुमार मल्ल ने व्यक्तिगत रूप से थावे मंदिर की स्थिति को देखने के बाद इसे भव्य बनाने और प्रमुख पर्यटक स्थल बनाने का निर्णय लिया है.
ऐसे बदलेगा थावे मंदिर का स्वरूप
थावे मंदिर का गोल चक्कर, मेन गेट, पार्किंग, मेला ग्राउंड, हनुमान मंदिर, विवाह भवन, वन एरिया, पार्किंग -2, पुलिस कंट्रोल रूम, मुख्य दुर्गा मंदिर, वीआइपी पार्किंग, गेस्ट हाउस, एम्पी थियेटर, म्यूजियम, टॉलेट कंपलेक्स, ब्लॉक ऑफिस, ओल्ड बेल्डिंग, दुकानें, गोलंबर, यात्री निवास-1, रहषु मंदिर, यात्री निवास-2, तालाब, तालाब पर ब्रीज, जंगल सफारी तथा बच्चों के खेलने के लिए ग्राउंड बनाने का डीपीआर तैयार किया गया है.
विंध्यााचल की तर्ज पर होगा विकास
थावे मंदिर बिहार ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल और यूपी-झारखंड के लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र है. मां सिंहासनी के दर्शन के लिए लाखों भक्त पहुंचते हैं. प्राचीन काल से मां सिंहासनी के प्रति भक्तों में अपार आस्था है. चैत रामनवमी से यहां का ऐतिहासिक एक माह का मेला प्रसिद्ध है. मान्यता है कि थावे में मां ने भक्त रहषु के पुकारने पर अत्याचारी राजा मनन सेन का सर्वनाश करने के लिए कामाख्या से चलकर थावे आईं और यहीं रह गयीं. राजा मनन सिंह के चेरों वंश काल का सर्वनाश हुआ था. यहां मां के दर्शन से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है.
पर्यटन मंत्री ने नारायण प्रसाद ने कहा कि थावे को विंध्याचल मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जायेगा. मंदिर एरिया को भव्य बनाने में कोई कमी सरकार नहीं छोड़ेगी. मंदिर और उसके आसपास का इलाका पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.


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