बिहार सरकार ने 390 अधिकारियों को शराबबंदी कानून के तहत जमानत, जुर्माना और सजा देने के लिए किया तैनात, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 390 अधिकारियों को शराबबंदी कानून के तहत जमानत, जुर्माना और सजा देने के लिए विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी नियुक्त किया है।

Update: 2022-04-03 01:58 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 390 अधिकारियों को शराबबंदी कानून के तहत जमानत, जुर्माना और सजा देने के लिए विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी नियुक्त किया है। पूर्व में ही संबंधित जिलों में तैनात उन अफसरों को पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के तहत न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी की शक्ति दी गई है। ये अफसर बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 की धारा-37 के तहत शराब का उपभोग करने पर जुर्माना देकर छोड़ने या फिर जेल भेजने पर विचार करेंगे।

सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जिले और अनुमंडल की आबादी के हिसाब से विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी की संख्या तय हुई है। ये नियुक्ति की तिथि से दो साल या दूसरे वहां से तबादला होने तक इस पद पर काम करते रहेंगे। इसी बजट सत्र में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 की मंजूरी मिली है। उसी संशोधन कानून के तहत शराब मामलों का ट्रायल एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को करना है।
बता दें कि बिहार विधानसभा ने 'बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन), विधेयक, 2022' को पारित कर दिया है। इस विधेयक के अनुसार शराब पीते या शराब के नशे में पकड़े गए व्यक्ति को जुर्माना का भुगतान करने पर छोड़ा जा सकता है। पर जुर्माना नहीं चुकाने की सूरत में एक माह के साधारण कारावास की सजा होगी। शराब पीने के आरोप में पकड़े गए शख्स को नजदीक के कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। यदि व्यक्ति जुर्माने की राशि जमा करवा देता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा लेकिन यह उसका अधिकार नहीं होगा।
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