जनता से रिश्ता वेबडेस्क : सरकारी प्रयोजन के लिए अधिग्रहीत जमीन के पंचाटी की अगर मौत हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को 50 लाख रुपये तक का भुगतान बिना प्रमाण पत्र के किया जाएगा। इससे अधिक की राशि के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसमें सक्षम न्यायालय की ओर से जारी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र अनिवार्य है। इस संबंध में कई जिलों ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से दिशा निर्देश की मांग की थी। विभागीय पत्र में कहा गया है कि मुआवजे की पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हां, उत्तराधिकारी को दी जाने वाली अंतरिम राशि 10 से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है।
जिलों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, जिनमें जमीन अधिग्रहण के पंचाट पर हस्ताक्षर करने वाले रैयत की मौत हो गई। इन मामलों में मुआवजे का सवाल उठ रहा था। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने साफ किया कि उत्तराधिकारियों को मुआवजे के भुगतान के मामले में 2018 की नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जमीन की कीमत बढऩे के कारण मुआवजे की राशि बढ़ गई है। इसलिए रैयतों के उत्तराधिकारी को अब बिना उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के 50 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाए।
सोर्स-jagran