रांची, झारखंड हाई कोर्ट ने बिहार के बक्सर जिले की निवासी नाबालिग लड़की के साथ हुई दुष्कर्म की घटना की जांच को छह महीने में पूरी करने का आदेश निचली अदालत को दिया है। आदेश के बाद निचली अदालत में मामले की सुनवाई त्वरित गति से हो रही है। मामले में पीड़िता की गवाही नहीं हुई है। पीड़िता को गवाही के लिए रांची लाने के लिए अदालत लगातार प्रयासरत है।
इसके लिए बक्सर एवं रोहतास जिले के एसपी को पत्र लिखा गया है ताकि सुनवाई की निर्धारित तिथि 12 मई को पीड़िता को अदालत पहुंचकर गवाही दे सके। मामले का एक गवाह रोहतास जिले का है, लेकिन जगरनाथपुर थाना प्रभारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। बता दें कि 15 वर्षीया लड़की अपनी मां से झगड़ा कर गुस्से में घर छोड़कर बक्सर से हटिया रेलवे स्टेशन पहुंची थी। जहां होटल संचालक बजरंग साव मिला। बजरंग ने उसे बेटी बनाकर अपने घर लाया था। एक दिन घर में अकेले पाकर बजरंग के बेटे मुन्ना कुमार ने जबरदस्ती की। इसके बाद वह लगातार आठ महीने तक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करता रहा। इस दौरान वह गर्भवती हो गई।
मेडिकल जांच में चिकित्सकों ने पाया था कि वह छह माह की गर्भवती है। इस मामले में जगरनाथपुर थाना प्रभारी ने अदालत का आदेश का पालन नहीं किया है। इस कारण उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एसएसपी रांची को निर्देश दिया है कि न्यायालय के आदेश का पालन न करने पर थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अभियोजन पक्ष के गवाहों की उपस्थिति के लिए अदालत लगातार प्रयासरत है। लेकिन इस मामले में पुलिस नहीं दे रही है।
आरोपित मुन्ना कुमार की कैद से पीड़िता छह अगस्त 2019 को मुक्त हुई। मौका देखकर वहां से भाग निकली और लोगों से पूछते हुए जगरनाथपुर थाना पहुंची। जहां पुलिस को उसने अपनी आपबीती सुनाई। आरोपित मुन्ना कुमार नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में 7 अगस्त 2019 से लगातार जेल में है। झारखंड हाई कोर्ट उसे जमानत देने से इन्कार कर चुका है। हाई कोर्ट ने जमानत आवेदन पर सुनवाई करते हुए मामले को छह महीने में निष्पादन करने का आदेश दिया है।