बिहार: दूरदर्शन पर छठी से 12वीं तक के बच्चों की पढ़ाई 17 जनवरी से, वाट्सएप ग्रुप बनाएंगे हेडमास्टर
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की वजह से जारी स्कूलबंदी के बीच शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों की पहली से लेकर 12वीं तक में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अलग-अलग माध्यमों से ऑनलाइन व ऑफलाइन पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तीन बड़े फैसले किए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की वजह से जारी स्कूलबंदी के बीच शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों की पहली से लेकर 12वीं तक में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अलग-अलग माध्यमों से ऑनलाइन व ऑफलाइन (घर में ही) पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तीन बड़े फैसले किए हैं।
दूरदर्शन पर 17 जनवरी से सुबह 9 बजे से छठी से लेकर 12वीं तक की कक्षा लगेगी। डिजिटल डिवाइस रखने वाले बच्चों को ई-लॉट्स पर अध्ययन सामग्री मिलेगी। प्राथमिक के बच्चों को घर पर ही शिक्षकों व शिक्षा सेवकों का पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने को लेकर मार्गदर्शन मिलेगा।
इन फैसलों को लेकर विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सोमवार यानी 17 जनवरी से यह जमीन पर भी दिखने भी लगेगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने शनिवार को इसकी विस्तृत जानकारी सभी जिला पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी है। बच्चों की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों के प्रचार-प्रसार का भी जिम्मा उन्हें दिया है, ताकि अधिकाधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकें।
सोमवार से सुबह 9 बजे से आरंभ होगा तीन घंटे का शैक्षिक प्रसारण
बकौल अपर मुख्य सचिव डीडी बिहार पर तीन घंटे मध्य विद्यालय, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। वीडियो-आडियो माध्यम से संचालित होने वाली इस पाठशाला की पूरी तैयारी कर ली गयी है। 17 जनवरी से सुबह 9 से 10 बजे तक कक्षा 6 से आठ, सुबह 10 से 11 तक वर्ग 9-10 जबकि ग्यारह बजे से एक घंटा 11वीं व 12वीं के बच्चों के लिए समेकित पढ़ाई संचालित की जाएगी।
व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे शिक्षक
वैसे बच्चे जिनके पास डिजिटल डिवाइस उपलब्ध है वे अपने घर पर रहकर ई-लॉट्स (ई लाइब्रेरी ऑफ टीचर्स एंड स्टूडेंट्स) पर उपलब्ध कक्षा 1 से 12 तक की पाठ्य पुस्तकें व ई कंटेंट के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। इसके अलावा हेडमास्टर अपने विद्यालय के डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता वाले बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बनायेंगे तथा विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध डिजिटल शिक्षण सामग्री उनतक पहुंचायेंगे। शिक्षक अपने विद्यालय के विद्यार्थियों को इसी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पढ़ाई में मार्गदर्शन करेंगे।
28000 शिक्षा सेवक गृह आधारित शिक्षण में लगेंगे
पहली से पांचवीं कक्षा के वैसे बच्चे जिनके पास डिजिटल डिवाइस की कोई सुविधा नहीं हैं, उनका पठन-पाठन घर पर ही सुचारू चले, इसको लेकर भी विभाग ने दायित्व सौंपा है। ऐसे बच्चे गृह आधारित पढ़ाई करेंगे और विद्यालय के प्रधान इसके लिए शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को प्रेरित करेंगे। राज्य में कार्यरत करीब ढाई सौ केआरपी और 28000 कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करते हुए अपने सम्बद्ध विद्यालयों के टोलों में भ्रमण कर बच्चों को गृह आधारित शिक्षण में सहयोग करेंगे।