बिहार : कांग्रेस नेता का बड़ा बयान, दलित या मुसलमानों को सौंप देनी चाहिए CM की कुर्सी

Update: 2023-10-03 12:19 GMT
बिहार में जातीय गणना के आकड़ें जारी होने के बाद एक तरफ जहां महागठबंधन जोश में है और पूरे देश में जातीय गणना की पैरवी कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में इसको लेकर दो फाड़ के हालात बन रहे हैं. इसकी शुरुआत कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रमोद कृष्ण ने ट्वीट कर की. दरअसल कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्ण ने ट्वीट कर लिखा कि जातीय 'जनगणना' के आधार पर बिहार में सर्वाधिक संख्या 'दलित' और 'मुसलमानों' की हैं. इसलिए अब नीतीश जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी दलित या मुसलमान को सौंप कर 'जितनी जिसकी संख्या भारी-उतनी उसकी हिस्सेदारी' के स्लोगन को सार्थक करते हुए बाबा साहब के सपने को 'साकार' कर देना चाहिए. 20% दलित ,18% मुस्लिम के होते हुए सिर्फ़ 3% वाली जाति का CM होना तो 'बेईमानी' है.
 जातीय गणना पर कांग्रेस में संग्राम!
कांग्रेस नेता के ट्वीट के बाद ही बिहार में सियासत गरमाने लगी और कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्ण को साथ मिला बीजेपी का. जहां बीजेपी ने उनके ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा कि आंकड़ों के मुताबिक जिसकी जितनी हिस्सेदारी है, उसकी उतनी भागीदारी नीतीश कुमार दें और अपनी गद्दी किसी अल्पसंख्यक समाज के व्यक्ति को सौप दें. हालांकि इस दौरान बीजेपी ने बिहार सरकार के जातीय गणना के सर्वे पर सवाल उठाते हुए इसमें घोटाले की बात भी कही.
'3% वाली जाति का सीएम होना तो बेईमानी'
बीजेपी ने निशाना साधा, तो महागठबंधन ट्वीट पर सफाई पेश करने लगी. जहां RJD ने इस बयान को पूरी तरह से निराधार बताया. तो वहीं JDU का कहना है कि नीतीश कुमार वो नेता हैं, जो किसी व्यक्ति विशेष समाज के लिए काम नहीं करते. बल्कि हर वर्ग के लिए काम करते हैं. तो वहीं कांग्रेस अपनी ही पार्टी के नेता के बयान को निजी बयान कहकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है. बिहार में जातीय गणना के आकड़े जारी होने के बाद से ही सियासत तेज हो गई है. अब देखना ये होगा कि कांग्रेस नेता के इस बयान पर शुरू हुआ घमासान कहां जाकर खत्म होगा.
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