बिहार: सारण जिले में ब्रिटिश शासन का बना एक पुल टूटकर गिर गया। तरैयाप्रखंड के पचभिंडा पंचायत के मुरलीपुर-शाहनेवाजपुर गांव से उठी हुई गंडक नहर पर बिना रेलिंग का कारण बने पुल का ध्वस्त हो गया है। मुरलीपुर-शाहनेवाजपुर गांव के लोगों को तरैया बाजार व अन्य स्थानों पर जाने के लिए ब्रिटिशकालीन गंडक नहर में मात्र चार फीट चौड़ा एक छोटा सा पुल बनाया गया था। ग्रामीण व उपनगरीय क्षेत्रों में पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल से बच्चे आते थे। गंडक नहर में पुल टूटने से अब मुरलीपुर, शाहनेवाजपुर, पचभिंडा गांव के चमड़े और पहाड़ों को बच्चों को तीन से चार किमी की दूरी तय करके तरैया बाजार और हाई स्कूल देवरिया जाना जाएगा। यहाँ तक कि उक्त पुल के दोनों तरफ मुरलीपुर और शाहनेवाजपुर की काफी घनी बस्ती है। गंडक नहर पुल के उत्तरी भाग के हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों को दक्षिणी भाग में जाना जाता है।
दक्षिणी भाग में ही मुस्लिम लोगों की एक मस्जिद है, जहां प्रतिदिन नमाज के लिए आना-जाना पड़ता है और हिंदू लोगों का भगवती स्थान और शाहनेवाजपुर गांव के प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा पाठ करना पड़ता है। पुल ढहने के कारण आम लोगों के लिए अब काफी परेशानी खड़ी हो गई है। पचभिण्डा पंचायत के लोगों ने बताया कि पुल की आधारभूत स्थिति को देखते हुए कई बार बांस बल्ले बांध कर चलने लायक बनाया गया था। 20 साल से पुलों का रेलिंग व पुल बन गया था। जो गुरुवार की रात को टूटकर ध्वस्त हो गया। इस जर्जर पुल की शिकायत मुरलीपुर-शाहनेवाजपुर के चादर के पूर्व व वर्तमान विधायक व सांसद, बीडीओ, गंडक नहर विभाग व सारण डीएम तक को किया जा चुका था। उक्त स्थल पर नये पुल का निर्माण कराया गया है। अब देखना यह है कि कब नए पुल का निर्माण होगा।